यम के कितने भेद होते हैं ?
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Answers
योग में अष्टांग योग के पहले अंग यम के पाँच भेद होते हैं, जो कि इस प्रकार हैं...
- सत्य
- अहिंसा
- अस्तेय
- ब्रह्मचर्य
- अपरिग्रह
सत्य से तात्पर्य मन, वचन और कर्म से सत्य का पालन करना तथा हर तरह के झूठ का त्याग ही सत्य है।
अहिंसा से तात्पर्य मन, वचन और कर्म से किसी भी निर्दोष प्राणी के प्रति हिंसात्मक व्यवहार ना करना तथा सभी प्राणियों के प्रति दयापूर्ण व्यवहार करना ही अहिंसा माना जाता है।
अस्तेय से तात्पर्य मन, वचन तथा कर्म से किसी की भी पराई वस्तु पर अधिकार ना जताना तथा किसी अवांछित वस्तु की कामना ना करना अस्तेय है।
ब्रह्मचर्य से तात्पर्य मन, वचन एवं कर्म से यौन संयम रखना ब्रह्मचर्य है। गृहस्थ व्यक्ति के लिए अपने जीवन साथी के साथ उचित समय में उचित संबंध बनाना ब्रह्मचर्य को खंडित नही करता।
अपरिग्रह से तात्पर्य मन, वचन एवं कर्म से किसी भी तरह की धन-संपत्ति का संचय ना करना ही अपरिग्रह कहलाता है।
Explanation:
तो यह यम के भेद होते हैं इतनी उनके भेद होते हैं
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