यमराज की दिशा कविता से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?
Answers
कवि की माँ ने उन्हें बहुत अच्छे सीख सिखाईं । कवि की माँ ने बताई कि यमराज दक्षिण दिशा में होते हैं। और सब कुछ देखते हैं । वे लोगों के बुरे कर्म के हिसाब रखते हैं । इस लिए हम को अच्छे कर्म करना चाहिए । छोटे और बड़ों का इज्जत करना चाहिए । पाप नहीं करना है ।
लेकिन आजकल चारों तरफ पाप ही पाप नजर आरहे हैं । लोग अन्याय कर रहे हैं। इस लिए कहीं भी जाए या जो भी दिशा में घूमें अपने पैर वहीं यमराज अपने भीकर आँखों से देखते हुए दिखाई दे रहे हैं ।
कोई भ्रष्ट नेता या भ्रष्ट पुलिस या भ्रष्ट वैद्य के रूपों में आकर यमराज हमारा नुकसान न करे, या मौत न दें , इसलिए हमें अच्छे कर्म ही करना चाहिए। अपनी माँ की अच्छी बातें पर ध्यान देना चाहिए ।
Answer:
कवि की मां ने कभी को एक बहुत ही बड़ी और अच्छी सीख दी है।
Explanation:
यमराज जो की मृत्यु के देवता है ।
इनका वास दक्षिण दिशा में होता है ।.
यह सूर्य के प्रथम पुत्र है ,और यह पूरे मृत्यु चक्र पर अपना नियंत्रण रखते हैं ।
इनके पास पूरे अच्छे कर्म और बुरे कर्म का हिसाब किताब होता है । जिसे जोड़ने पर इंसान के अच्छे कर्म और बुरे कर्मों का पता चलता है ,और उसके अनुसार उसे यमराज सजा सुनाते हैं ।
उसके पश्चात वह निश्चित करते हैं ,कि इस व्यक्ति का इतना सत्कर्म है तो इसे स्वर्ग जाना चाहिए और इतना दुष्कर्म है तो इसे न जाना चाहिए सूर्यपुत्र यमराज मृत्यु के स्वामी है |
धन्यवाद