Hindi, asked by divya1292, 1 year ago

यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा.
शास्त्रं तस्य करोति किम।
वं तस्य करोति किम् । १८
। लोचनाभ्यां विहीनस्य,
दर्पण: किं करिष्यति



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Answers

Answered by bhatiamona
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यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा ,शास्त्रं तस्य करोति किम् ।

लोचनाभ्याम् विहीनस्य ,दर्पण: किं करिष्यति ।

इसका श्लोक का हिंदी में अर्थ है,

जिस पास भी पास अपनी बुद्धि नहीं होती और शास्त्र उसका कोई कल्याण नहीं कर सकता है।   जिस प्रकार नेत्रहीन व्यक्ति का कोई भी दर्पण सहायता नहीं सकता है |  

अर्थात : जिसके पास विवेक और अपना दिमाग नहीं होता है , कोई उसकी मदद नहीं कर सकता जब तक वह स्वयं अपनी मदद नहीं करता |

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