यशपाल किस विचारधारा के साहित्यकार class 10
Answers
Answered by
0
यशपाल किस विचारधारा के साहित्यकार रहे हैं?
'यशपाल' 'मार्क्सवादी विचारधारा' के साहित्यकार रहे हैं।
व्याख्या :
- यशपाल हिंदी साहित्य के प्रेमचंदोत्तर युग के कथाकार थे, जिन्होंने अनेक कहानियों और उपन्यासों की रचना की।
- वह मार्क्सवाद से प्रेरित साहित्यकार थे और उनकी रचनाओं में मार्क्सवाद की स्पष्ट झलक दिखाई देती है।
- वह यथार्थवादी कहानियों और उपन्यासों की रचना के लिए जाने जाते रहे हैं। उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में दादा कामरेड, दिव्या, देशद्रोही, अमिता, अप्सरा का सच, क्यों फंसे, तेरी मेरी उसकी बात आदि के नाम प्रमुख हैं।
- उनके कहानी संग्रह में वह दुनिया, धर्मयुद्ध, पिंजरे की उड़ान, उत्तराधिकारी, खच्चर और आदमी, ज्ञानदान, लखनवी अंदाज आदि के नाम प्रसिद्ध हैं।
#SPJ3
Answered by
0
Answer:
'यशपाल' 'मार्क्सवादी विचारधारा' के लेखक थे।
Explanation:
यशपाल प्रेमचंद युग के बाद के हिंदी साहित्य कथाकार थे जिन्होंने कई कहानियाँ और उपन्यास लिखे। वह एक मार्क्सवादी-प्रेरित लेखक थे, और उनकी रचनाएँ इस प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं। वह अपनी यथार्थवादी कहानियों और उपन्यासों के लिए जाने जाते हैं। उनके प्रसिद्ध उपन्यासों में दादा कॉमरेड, दिव्या, देशद्रोही, अमिता, अप्सरा का सच, क्यूं फंदे, तेरी मेरी उकी बात और अन्य शामिल हैं। अपने कहानी संग्रह में, उन्हें दुनिया, धर्मयुद्ध, पिंजरे की उड़ान, उत्तराधिकारी, खच्चर और आदमी, ज्ञान, लखनवी शैली आदि नामों से जाना जाता है।
#SPJ2
Similar questions