यदि आप करामत अली की जगह पर होते तो इस संदर्भ में अपने विचार
Answers
I hope this will help you...
यदि हम करामात अली की जगह होते तो हम भी लगभग वैसा ही करते हैं, जैसा कि करामात अली ने किया। करामात अली ने यह ठीक किया कि गाय को सड़क पर यूं ही आवारा छोड़ देने की जगह उसे किसी गौशाला में भेजने का प्रबंध किया। भले गाय बूढ़ी हो गई थी और किसी उपयोग की नहीं रह गई थी लेकिन थी तो वह एक जीव ही और करामात अली ने संवेदना के कारण ही तो उसको अपने घर में रखा था। लेकिन कुछ घरेलू परिस्थितियों की वजह से वे उसका पालन-पोषण करने में सक्षम नहीं था। उसकी देखभाल करने में सक्षम नहीं था। उसने सही निर्णय लिया कि गाय गौशाला में भेजने का सही निर्णय लिया था।
गौशालायें गाय की देखभाल के लिए ही होती हैं, वहाँ पर उसकी अच्छी देखभाल होती और उस निरीह प्राणी की जान पर आफत नहीं आएगी।
यहां पर करामात अली ने थोड़ी चूक कर दी। उसने अपनी सारी परिस्थितियों पर गौर किए बिना ही अपने मित्र से गाय की देखभाल करने की हामी भर दी। यदि हम होते तो हम अपनी सारी परिस्थितियों पर गौर करते और फिर गाय को देखभाल करने की हामी भरते। फिर एक बार जिम्मेदारी ले ली तो उसे पूरी तरह निभाते।