यदि अभ्यास 3 का एकाधिकारी फर्म सार्वजनिक क्षेत्र का फर्म हो, तो सरकार इसके प्रबंधक के लिए दी हुई सरकारी स्थिर कीमत (अर्थात् वह कीमत स्वीकारकर्ता है और इसलिए पूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक बाज़ार के फर्म जैसा व्यवहार करता है) स्वीकार करने के लिए नियम बनाएगी और सरकार यह निर्धारित करेगी कि ऐसी कीमत निर्धारित हो, जिससे बाज़ार में माँग और पूर्ति समान हो। उस स्थिति में संतुलन कीमत, मात्रा और लाभ क्या होंगे?
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यदि सरकार सरकारी स्थिर कीमत स्वीकार करने के नियम बनाती है और कीमत बनती है, जिससे बाज़ार मांग और बाज़ार पूर्ति बराबर हो तो संतुलन कीमत =रुपए 10
संतुलन मात्रा =10 इकाई , शून्य क्योंकि 10 इकाई पर लाभ = शून्य है|
संतुलन कीमत
बाजार संतुलन बाजार उस समय संतुलन की स्थिति में होता है जब बाजार मांग, बाजार पूर्ति के बराबर होता है I संतुलन कीमत. संतुलन कीमत वह कीमत है जहाँ बाजार मांग व पूर्ति बराबर होती है|
संतुलन वह स्थिति है जहाँ संतुलन की निर्धारित करने वाली शक्तियाँ संतुलन में हो या एक दूसरे के बराबर हो | जहाँ संतुलन कीमत को निर्धारित करने वाली शक्तियाँ वस्तु की मांग और आपूर्ति की माताएं है | जिस कीमत की किसी वस्तु की मांगी गई मात्रा उसकी आपूर्ति की मात्रा के बराबर हो उसे संतुलन कीमत कहते है |
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