यदि बस यात्रियों का संदेह सही निकलता तो लेखक को किस घटना का सामना करना पड़ता?
अपने विचार संक्षेप में लिखिए।
from 'kya nirash hua jaye' chapter.
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Answers
बस यात्रियों का संदेह सही निकलता तो कुछ लुटेरे बस को लूट सकते थे अथवा बस का अपहरण हो सकता था।
- प्रस्तुत प्रसंग हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित निबंध " क्या निराश हुआ जाय " से लिया गया है।
- इस निबंध में लेखक ने समाज में व्यापक भ्रष्टाचार , चोरी व डकैती के कारण लोगों में उपजी निराशा के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है।
- लेखक एक बार सपरिवार बस में यात्रा कर रहा था, बस थोड़ी रुक रुक कर चल रही थी व अपने गंतव्य से पहले ही कहीं रुक गई , उस स्थान से आठ किलोमीटर की दूरी पर सुनसान स्थान था जहां यात्रियों को बस के लूटे जाने की आशंका हो रही थी।
- जब बस का कंडक्टर एक साइकिल लेकर चलता बना तो लोगों का संदेह और भी पुख्ता हो गया। लेखक के बच्चे भूख व प्यास से परेशान हो रहे थे।
- थोड़ी देर बाद बस का कंडक्टर दूसरी खाली बस अपने साथ लेकर आया व यात्रियों को उसमें बिठाकर उनके गंतव्य पर सुरक्षित रूप से पहुंचाया।
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यदि बस यात्रियों का संदेह सही निकलता तो लेखक को किस घटना का सामना करना पड़ता?
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