Hindi, asked by karan6528, 4 months ago

यदि चांद न होता तो इस विषय पर निबंध​

Answers

Answered by AnuragRishi4307
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Answer:

mark me as brainlist....

Explanation:

बहुत कुछ होता. यहाँ तक कि यह प्रश्न पूछने के लिए हम शायद आज धरती पर होते ही नहीं. दिन कहीं छोटा होता और धरती पर अब भी केवल पेड़-पौधे और जानवर ही होते.

Answered by saloni8950
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Answer:

चंद्रमा का जन्म : नासा के अनुसार आज से 450 करोड़ साल पहले सॉरमंडल में एक नया ग्रह इजात हुआ। जब पृथ्वी का वजूद बना था तब एक वक्त ऐसा था की चंद्रमा नही हुआ करता था। अंतरिक्ष के बीच फेलाव में एक दिन मंगल ग्रह पृथ्वी से टकराया जिससे मंगल ग्रह के एक हिस्से के टुकड़े टुकड़े हो गए। फिर बाद में वो सभी टुकडे गोल बन गए। इन टुकडो के गोल होकर जमा होने से चंद्रमा का जन्म हुआ। अब इस theory में कितनी सच्चाई है ये तो हम नही जानते लेकिन उनके अनुसार मंगल ग्रह के हमारे ग्रह से टकराने के बाद चंद्रमा के बनने से सब कुछ बदल गया। दोस्तो कई Scientist की theory भी यही कहती है की चंद्रमा के जन्म के बाद ही पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है। लेकिन चंद्रमा के चलते ही जीवन संभव क्यों हुआ, और ऐसे क्या बदलाव आए हमारी पृथ्वी पर आइये जानते है।

◆ समुंद्री लहरो पर असर (ज्वार भाटा) : पृथ्वी पर मोजूद पुरे समुद्र को चंद्रमा और सूरज अपने गुरुत्वाकर्षण बल से अपनी ओर खिंचता है। दोस्तो चंद्रमा हमारी पृथ्वी से 3,84,400 km दूर है और सूरज चंद्रमा से 400 गुना बड़ा है जबकि 149.6 मिलियन km दूर है । सूरज के इतना दूर होने की वजह से आधा कंट्रोल चंद्रमा का होता है। चंद्रमा और सूरज के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही समुद्र का पानी इनकी और खीचां चला जाता हे। जिसे लहरे यानी ज्वार बोलते है। अब आप सोच रहे होंगे ये सब हवा की वजह से होता है तो नही दोस्तो ये इन दोनो के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है। और अगर चन्द्रमा ही नही होगा तो ये सारा कंट्रोल सूरज के पास चला जायेगा क्योंकि चंद्रमा प्रथ्वी के ज्यादा पास है इसलिए अधिक्तर ज्वार चंद्रमा के कारण होते है इस घटना से लहरो यानि ज्वार बहुुुत छोटे होंगे। ऐसा अनुमान है कि चंद्रमा के बिना, ज्वार केवल 40% होगा। ज्वार भाटे की घटना समुंद्री जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर चंन्द्रमा नही होगा तो इससे समुंद्री जीवो पर बहुत प्रभाव पड़ेगा।

◆ चंद्रमा का एक ओर बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है : दोस्तों चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से ही हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर एक दम सीधी नही है बल्कि थोड़ी झुकी हुई है। जिसका झुकाव 23.5 डिग्री और स्थिर है।

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