यदि हम दूसरों के मन की बात जान पाते तो क्या होता?
Answers
Explanation:
नेपोलियन ने कहा था, कि “असंभव” शब्द मेरे शब्दकोश में नहीं है, लेकिन मैं दावा कर सकता हूं, कि इस सवाल पर शायद वो भी अपने वक्तव्य पर विचार करता. कहा जाता है, लड़कियों के मन की बात तो भगवान् भी नहीं जान सकते,फिर हमारी दिलचस्पी क्यों खत्म नहीं होती है. मैं विषय से संबंधित कुछ तथ्यों पर आपको ले चलता हूँ. सबसे पहले ये जानने की कोशिश करते हैं, क्यों पुरुष किसी स्त्री के मन की बात जानने के पीछे पागल होता है. मैं जवाब सिर्फ आपको ही व्यक्तिगत तौर पर नहीं दे रहा हूँ.
असल में कोई, किसी लड़की के मन की बात सिर्फ इसलिए जानना चाहता है, कि असल में उसके मन में मेरी अहमियत क्या है,ये कटु सत्य है. मनोवैज्ञानिक तौर पर गौर करें तो आप समझ सकते हैं, कि इंसान स्वयं में सबसे ज्यादा दिलचस्पी रखता है, फिर दूसरे के मन की बात जानना, सिर्फ अपना मानसिक स्वार्थ ही है. पहले हम जानने की कोशिश करते हैं, वो किसे चाहती है, अगर ये हम जान जाए, कि मुझे चाहती है, फिर जानने की कोशिश करते हैं, सिर्फ मुझे ही चाहती है या नहीं, मेरे अलावा किसी को तो नहीं चाहती, मेरे पहले किसे चाहती थी, मेरे बाद किसे चाहेगी. इसी उलझन में हम समय व्यर्थ करते हैं.
Answer:
हम दुसरो का मन का वात जान पाते तो दुनिया पूरी तरह से बदल जाता। क्यु की सब मनके वात जान जाते और कोई किसी को भी नहीं मानता।
Explanation:
IF IT IS HELP FULL FOR YOU THEN MARK ME AS A BRAINLIST ONLY WHEN IT IS HELPFUL FOR YOU