यदि मैं पुस्तक होती विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
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Answer:यदि मैं पुस्तक होती तो लोग मुझे पढ़ते | वह मुझसे अलग अलग तरह का ज्ञान सीखते | वह मेरी सहायता से बहुत नेक और अच्छे काम करते | वह अच्छी अच्छी बातें सीखते हैं |वह मुझे पढ़ कर अपना जीवन सफल करते और बड़े वैज्ञानिक,नेता , शिक्षक और आदि बनते | कुछ लोग मुझे संभाल कर रखते | परंतु कुछ लोग मेरा ध्यान ना रखते और वह मेरे पन्नों को पाडा करते | यदि मैं पुस्तक होती तो मेरे पन्नों पर बहुत ही दिलचस्प और शिक्षा देने वाली कहानियां और कविताएं लिखी होती | लोग मुझे बहुत ही दिलचस्पी से पढ़ते | और वह मुझसे नई-नई सीखे प्राप्त करते और दूसरों को भी वह सीख देते | किंतु पुस्तक निर्जीव होती है वह अपना दर्द किसी को नहीं बता सकती जब लोग उसके पन्ने पाड़ते हैं तो फिर उसे भी बहुत दर्द होता होगा इसलिए मैं अब पुस्तक नहीं बनना चाहती मैं अपने इंसान रूप में ही ठीक हूं |
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