यदी मैै पक्षीयो की बोली समज पाता निबंध
Answers
यदी मैै पक्षीयो की बोली समज पाता निबंध
Answer:
यदि मैं पक्षियों की बोली समझ पाता तो बहुत कुछ करता ।
पक्षियों के साथ रोज गप्पे लड़ाता । उसके साथ मीठा-मीठा गाता । रोज पक्षियों के साथ घूमने जाता । सभी पक्षियों के साथ खेलता । सबको अपना मित्र बनाता । हम सब रोज बाग - बगीचे , जंगल जाते , ताकि हम सब घूम सके । और ताजी हवा खा सकें । पक्षियों को आजाद रहना ज्यादा पसंद है । बाग बगीचे और जंगल में रहना बहुत पसंद है । उनको समूह में रहना बहुत पसंद होता है । लेकिन कुछ पक्षियों को अकेला रहना भी अच्छा लगता है । कुछ पक्षियाँ घातक होती है । और कुछ बहुत भोले । कुछ पक्षी है इंसानों के साथ जल्दी घुलमिल जाते हैं । जैसे तोता या इंसानों के साथ सबसे ज्यादा समय बिताने वाला पक्षी होता है । इंसानों की जुबान बोल सकता है । ज्यादा नहीं बल्कि जितना इसे सिखाया जाए या फिर यह इंसानों के बोलचाल में जिस भी शब्द को पकड़ पाए । या तो उन शब्दों को आसानी से बोल पाता है। जिसे वह रोज सुनता है ।
सालिम अलि पक्षियों के प्रेमी थे । इन्होंने अपना पूरा जीवन पक्षियों की सेवा में व्यतीत कर दी । इनका मन तब से पक्षियों के प्रति जागरूक हुआ जब यह बचपन में अपनी खेलने वाली बंदूक से एक नीलकंठ पक्षी को घायल कर दिए उसके बाद वो मर गया । तभी से इनके दिल में पक्षियों के प्रति बहुत सारे प्रेम जागा । और यह जंगल जंगल पक्षियों की खोज में भटकते रहे ।