यदि नल बोलने लगा निबंध
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यदि श्यामपट बोलने लगा तो मैं सबसे पहले उसकी तरफ मित्रता का हाथ बढ़ाऊँगा। हाँ, मैं उसे अवश्य अपना मित्र बनाऊँगा क्योंकि मैं एक विद्यार्थी हूँ। मैं अपने जीवन का महत्त्वपूर्ण पल उसी के साथ बिता रहा हूँ और बदले में उसका संपूर्ण समर्पण पा रहा हूँ। यदि श्यामपट बोलने लगा तो मैं उससे उसकी आदि कथा सुनना चाहूँगा।
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नल को टोटी भी कहा जाता है। टोटी ऐसी वस्तु है, जिसके माध्यम से घर-घर पानी लोगों तक पहुँचता है। यह मनुष्य द्वारा बनाया गए एक प्यारा सा यंत्र हैं, जिससे जितनी आवश्यकता होती है, उतना ही पानी लिया जा सकता है। पानी की आवश्यकता समाप्त होने पर इसे बंद किया जा सकता है।
मैं कई बार सोचता हूँ कि यदि पानी की टोटी बोलती तो क्या बोलती? पानी की टोटी मनुष्य को बहुत प्रकार से कोसती। पहले तो वह यूँ कोसती की मनुष्य उसे जब चाहे खोल देता है और जब चाहे बंद कर देता है। उसका प्रयोग इतनी निर्दयता से करता है कि वह असमय खराब हो जाती है। जब वह खराब हो जाती है, तो उसे ही कोसता है और उस पर चोट करता है।
एक महत्वपूर्ण कारण से कोसती कि मनुष्य पानी का अपव्यय करता है। जब ज़रूरत है, तो पानी-पानी करता है। यदि पानी उपलब्ध हो, तो टोटी खोलकर चला जाता है और भूल जाता है। जब उसे याद आता है, तो कई लीटर पानी नाली में बह चुका होता है। पानी का अपव्यय देखकर दुखी होती होगी पर कुछ करने में असमर्थ होगी। टोटी सोचती होगी कि यदि मैं सक्षम होती, तो मनुष्य को सबक सिखाती। उसको पानी लेने ही नहीं देती।