Hindi, asked by sairahul9241, 1 year ago

यदि पेड़ बोल पाते तो हमसे क्या क्या कहते

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Answered by pulkitdube
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वृक्ष हमारी धरती की अमूल्य धरोहर है । जिनके बिना जीवन संभव नहीं ,जो प्राकृतिक रूप से हमारे जीवन को संपूर्णता प्रदान करते हैं । बचपन में जब हमसे स्कूल मे वृक्षों पर निबंध लिखने को कहा जाता तो 8-10 लाइनों मे वृक्षों की मनुष्य जीवन में उपयोगिता समझाई जाती। उदाहरण के लिए :-
1-वृक्ष हमे छाया देते हैं ।
2-पेड़ हमे खनिज  पदार्थ देते हैं ।
3-पेड़ों से हमें औक्सीजन मिलती है ,शुद्ध हवा मिलती है ।
4-पेड़ों से हमे दवाइयाँ भी मिलती हैं ।
5-घर के खिड़की –दरवाज़े तथा फर्नीचर आदि के लिए पेड़ों से हमे लकड़ी मिलती है ।
6-पेड़ों से हमे खाने के लिए फल व अनाज उपलब्ध होता है ।
7-पेड़ों से हमे ईंधन के लिए लकड़ियाँ प्राप्त होती हैं ।
8-पेड़ों की पत्तियों से खाद मिलती है ।
9-वृक्षों से हमें जानवरों के लिए चारा प्राप्त होता है ।
10-पेड़ों से हमें इत्र परफीउम इत्यादि मिलती है । इत्यादि इत्यादि
जबकि इनकी महत्ता हमारे जीवन मे कहीं अधिक है । हर तरह से मनुष्य जीवन पेड़ों (वृक्षों ) पर आश्रित है । खाने से लेकर पहनने तक ,नहाने से लेकर सोने तक हर जगह पर  पेड़ों से बनी कोई न कोई चीज हमारे जीवन में सहयोगी है । जहाँ नदी किनारे पेड़ लगाकर मिट्टी के कटान व पानी के अनुचित बहाव को रोका जाता है वहीं बड़े-बड़े बाँध बनाने मे भी पेड़ों से ली लकड़ियाँ ,तख़ते इत्यादि उपयोग मे लाये जाते हैं ।
आप सब जानते हैं कितना ही लिखूँ ,पेड़ों की कितनी ही उपयोगिता गिनाती जाऊँ । पेड़ों की महता किसी भी बिन्दु पर जाकर खतम नहीं होगी ,अर्थात इसका क्षेत्र बहुत विशाल है ।
ये तो हुई पेड़ों की उपयोगिता जो हर मनुष्य व हर जीव के लिए महत्वपूर्ण है ।
इसके अलावा एक और बात भी आप सब जानते होंगे । कि पेड़ रात को सोते हैं और दिन में जागते हैं और साँस भी लेते हैं …हमारे भारतीय वैज्ञानिक श्री जगदीश चन्द्र बसु इस बात को काफी पहले साबित कर चुके थे। पर वर्तमान में हुये कई और शोधों से यह साबित हुआ है कि पेड़ दुख,दर्द ,हँसी ,क्रोध ,घृणा सब महसूस करते हैं । वहीं यह भी साबित हुआ है कि यदि किसी क़त्ल कि जगह पर पेड़-पौधे गमले में या ज़मीन पर लगे हो तो वो अच्छे गवाह भी साबित होते हैं ।यानि पेड़ –पौधे गवाही भी देते हैं । बात यहीं पर खत्म नहीं होती कहते हैं कि अगर कोई किसान अपने खेतों पर सुबह –शाम जाकर अपनी फसल को प्यार से निहारे व खेतों मे अंदर जाकर उनपर प्यार से हाथ फेरे तो ओर  खेतो की फसल की  तुलना में उस खेत की फसल ज़्यादा स्वस्थ होती है ,व अच्छी पैदावार देती है ।
इससे यह पता चलता है कि पेड़-पौधे जहाँ मनुष्य जीवन मे अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं वहीं ये मनुष्य की तरह ही हर चीज महसूस करते हैं ।
आप सोचते होंगे कि मैं कहना क्या चाहती हूँ या पेड़ों की उपयोगिता गिना रही हूँ । नहीं ये तो बस एक भूमिका थी अपनी बात कहने के लिए “मैं हर उस इंसान तक अपनी बात पहुंचाना चाहती हूँ जो अपने थोड़े से फ़ायदे के लिए पेड़ों को एक निर्जीव चीज समझ काट फेंकता है, मैं उससे ये अनुरोध करूंगी कि उस पेड़ का दर्द भी वो महसूस करे । एक वृक्ष जिस पर उसने कुल्हाड़ी चलाई है एक जीते –जागते मानव से कम नहीं । हाँ बस वह चिल्ला=चिल्ला कर अपना दर्द हर इंसान को नहीं बता सकता। उसके दर्द को हमे खुद समझना होगा ॥

जाने कितने बने बाई पास
और कितने पेड़ मारे गए
जाने कितने हो गए उदास
कहीं पर केवल उनके
शरीर के अवशेष
कहीं पर नई-नई लाश
जाने कितने बने बाई पास
सिसक-सिसक कर
मुझसे कुछ कहना
चाह रहे थे ……
पर मेरी आँख के आँसू
शायद
उन्हे नज़र आ रहे थे ,
इसलिए वो शान्त हो
स्वयं दर्द सा पी गए
उनके दर्द पीने के कारण
ही तो
आज तक हम जी गए
उनके इस त्याग को
काश हम समझ पाते
उन्हे मारने से पहले
उनके बीज
कहीं ओर रोपे जाते
रोपे जाते ….. पूनम ‘मनु’

pulkitdube: Hope it will help you. Please mark my answer as Brainliest
Answered by rashugupta2006
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Answer:

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