यदि शरीर का एक भाग खराब हो जाए तो उसे शीघ्रता से काटना ही ठीक है ताकि jahar पूरे शरीर में न फैल सके यह किसका कथन है
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कभी भी टैबलेट या दवाइयों को बच्चों की पहुंच में नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें ताला लगा कर आलमारी में रखना चाहिए (आलमारी के सबसे ऊपर वाले हिस्से में),
टैबलेट या दवाइयों को अधिक समय तक भंडारित करके नहीं रखना चाहिए। वे खराब हो सकती हैं और इलाज के बाद यदि कोई दवाई बची हुई हो, तो उसे आपूर्तिकर्ता को वापस कर देनी चाहिए या शौचालय में बहा देना चाहिए,
दवाई कभी भी अंधेरे में नहीं लेनी चाहिए- दवाई लेने या देने से पहले हमेशा लेबल जरूर पढ़ें,
खतरनाक द्रव्यों को कभी भी लेमोनेड या अन्य पीने की सामग्री की बोतलों में न डालें। बच्चे उसे पीने की सामग्री समझ कर उसके भीतर के खतरनाक द्रव्य को पी सकते हैं,
घरेलू क्लीनर और डिटर्जेंट को कभी भी सिंक के नीचे न रखें, जहां बच्चे उन्हें ढूंढ सकते हों। (ब्लीच और टॉयलट क्लीनर जब एक साथ मिलते हैं, तो वे सफाई नहीं करते, लेकिन ज़हरीली गैस जरूर पैदा करते हैं जिसमें सांस लेना जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है,
जान-बूझ कर कभी भी उल्टी न करवाएं: कभी भी नमक के पानी की अधिक मात्रा न दें,
कभी भी कुछ भी मुंह के जरिए न दें (जब तक कि मुंह जला हुआ न हो और पीड़ित होश में न हो),
मुंह के जरिए कुछ भी देने की कोशिश न करें यदि पीड़ित बेहोश हो,
यदि किसी ने उल्टी करने के लिए पेट्रोल पी लिया है, तो किसी दुर्घटना का इंतजार न करें: शुरुआत से ही पीड़ित के दिल को ऊपर और सिर नीचे की तरफ की रिकवरी अवस्था में होना चाहिए,
कभी भी कोई भी टैबलेट न लें और न ही दें, खासकर एल्कोहल के साथ सोने की टैबलेट--- यह संयोजन गंभीर हो सकता है।
सामान्य ज़हर
रोजमर्रा के जीवन में सामने आने वाले सामान्य ज़हर। ये हैं:
बेर और बीज
फंगस: टोडस्टूल्स
सड़ा-गला खाद्य पदार्थ
कठोर रसायन: पैराफिन, पेट्रोल ब्लीच, खरपतवार नाशक, रासायनिक कीटनाशक
जानवर मारने वाला: चूहे या चुहिया मारने वाला ज़हर
एल्कोहल
हरे आलू (इसे सामान्यतौर पर आंका जा सकता है कि हरे आलू कितने खतरनाक हो सकते हैं। वे पेट में दर्द, उल्टी या डायरिया का कारण बन सकते हैं जिसके लगातार जारी रहने से मृत्यु भी हो सकती है।
सामान्य इलाज
घायल व्यक्ति होश में या बेहोश हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको चाहिए कि यदि संभव हो तो पीड़ित व्यक्ति की यथासंभव मदद करें-
जब पीड़ित होश में हो, तो यह जानने की कोशिश करें कि उसने क्या और उसे कितनी मात्रा में निगला है,
यदि पीड़ित के आसपास कोई टैबलेट, खाली बोतल या कोई खाली डिब्बा रखा हो, तो अस्पताल में जांच के लिए उसे रखें। यह उस ज़हर को पहचानने में मदद कर सकता है जिसे लिया गया है,
पीड़ित के मुंह को जांचे। यदि कोई जले हुए का निशान दिखे और यदि वह कुछ निगल सकता हो तो उसे उतना दूध या पानी दें जितना वह पी सके,
पीड़ित को उल्टी करवानी चाहिए--- उल्टी को कूड़ेदान या प्लास्टिक बैग में रखें और अस्पताल में जांच के लिए अपने पास रखें। यह जो भी ज़हर लिया गया है, उसे पहचानने में मददगार साबित हो सकती है,
पीड़ित को जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी अस्पताल ले जाना चाहिए। यदि पीड़ित बेहोश है या आपकी मौजूदगी में बेहोश हो जाता है, तो:
सबसे पहले सांस की जांच करें। यदि वह रूक गई हो, तो तुरंत अपने मुंह से उसे सांस देने की प्रक्रिया शुरू करें। लेकिन यदि पीड़ित का मुंह और होंठ जले हुए हों, तो यह तरीका न अपनाएं। ऐसे समय में कृत्रिम श्वसन तंत्र को अपनाना चाहिए,
यदि पीड़ित अबतक सांस ले रहा हो, तो उसे रिकवरी की पोजीशन में रखें। (एक बच्चे को अस्पताल ले जाते वक्त सिर नीचे की तरफ की स्थिति में अपने घुटनों के ऊपर रखा जा सकता है),
पीड़ित की सांस पर लगातार नजर रखें। अधिकतर ज़हर पीड़ित को सांस लेने से रोकते हैं,
जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी पीड़ित को अस्पताल ले जाएं,
पीड़ित को ठंडा रखें। माथे पर ठंडा पैड रखें और शरीर, रीढ़ पर और गले के पीछे ठंडे पानी से स्पंज करें,
पीड़ित को जितना संभव हो सके उतना द्रव्य पीने के लिए प्रोत्साहित करें,
ट्विस्टिंग और फिट्स पर नज़र रखें,
यदि पीड़ित बेहोश हो जाता है, तो सांस की जांच करें और पीड़ित को रिकवरी पोजीशन में रखें,
हमेशा पोजीशन कंटेनर रखें। इसमें उपचार के लिए नोट्स हो सकते हैं, लेकिन यह आपके डॉक्टर के देखने के लिए भी जरूरी है।
त्वचा के जरिए ज़हर का प्रवेश
आजकल अधिकतर कीटनाशक, खासकर वे जो नर्सरी में काम करने वालों या किसान द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं, उनमें तेज रसायन शामिल होते हैं (मसलन, मैलाथियॉन) जो यदि त्वचा के सम्पर्क में आते हैं, तो वे शरीर के भीतर जाने में सक्षम होते हैं जिसके परिणाम खतरनाक होते हैं।
संकेत
यह पता हो कि कीटनाशक से संपर्क हुआ है,
कांपना, ट्विस्टिंग और फिट्स का बढ़ना,
पीड़ित धीरे-धीरे बेहोश हो जाता है।
सावधानी
संक्रमित क्षेत्र को ठंडे पानी से साफ करें,
सावधानीपूर्वक संक्रमित कपड़ा यदि कोई हो तो उसे हटाएं। इस बात का ध्यान रखें कि आप रसायन के सम्पर्क में न आएं,
दोबारा सुनिश्चित करने के लिए पीड़ित को नीचे लिटाएं और उसे स्थिर और शांत रहने के लिए प्रोत्साहित करें,
जितनी जल्दी संभव हो सके, उतनी जल्दी उसे अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करें,
पीड़ित को ठंडा रखें- माथे पर ठंडा पैड रखें और शरीर, रीढ़ पर और गले के पीछे ठंडे पानी से स्पंज करें,
ज़हर के कंटेनर को हमेशा अपने पास रखें। यह इलाज करने में सहायक हो सकता है और डॉक्टर के भी काम आ सकता है।
स्त्रोत: पोर्टल विषय सामग्री टीम
Answer:
ज़हर/विष वह सामग्री या गैसें हैं जिसके शरीर के भीतर पर्याप्त मात्रा रह जाने उसे नुकसान पहुंचाती है या जीवन के लिए मृत्यु के समान साबित होती है। ये शरीर के भीतर तीन तरह से जा सकती हैं:
फेफड़ों के जरिए
त्वचा के जरिए
मुँह के जरिए
फेफड़ों के जरिए
फेफड़ों के जरिए शरीर तक पहुंचने वाला ज़हर सांस लेने में कठिनाई पैदा करता है। उसके बाद, त्वचा या मुंह के जरिए शरीर के भीतर पहुंचने वाले ज़हर, चाहे वह दुर्घटनावश भीतर पहुंचा हो या जान-बूझ कर, के बारे में बात करेंगे। जो ज़हर बागबानी या कृषि कीटनाशकों से सम्पर्क में आने के बाद सामने आता है, उसका इलाज भी इसमें शामिल है। अधिकतर ज़हर का शरीर के भीतर पहुंचना दुर्घटनावश ही होता है और इसीलिए दुर्घटना के खिलाफ सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।
क्या न करें
कभी भी टैबलेट या दवाइयों को बच्चों की पहुंच में नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें ताला लगा कर आलमारी में रखना चाहिए (आलमारी के सबसे ऊपर वाले हिस्से में),
टैबलेट या दवाइयों को अधिक समय तक भंडारित करके नहीं रखना चाहिए। वे खराब हो सकती हैं और इलाज के बाद यदि कोई दवाई बची हुई हो, तो उसे आपूर्तिकर्ता को वापस कर देनी चाहिए या शौचालय में बहा देना चाहिए,
दवाई कभी भी अंधेरे में नहीं लेनी चाहिए- दवाई लेने या देने से पहले हमेशा लेबल जरूर पढ़ें,
खतरनाक द्रव्यों को कभी भी लेमोनेड या अन्य पीने की सामग्री की बोतलों में न डालें। बच्चे उसे पीने की सामग्री समझ कर उसके भीतर के खतरनाक द्रव्य को पी सकते हैं,
घरेलू क्लीनर और डिटर्जेंट को कभी भी सिंक के नीचे न रखें, जहां बच्चे उन्हें ढूंढ सकते हों। (ब्लीच और टॉयलट क्लीनर जब एक साथ मिलते हैं, तो वे सफाई नहीं करते, लेकिन ज़हरीली गैस जरूर पैदा करते हैं जिसमें सांस लेना जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है,
जान-बूझ कर कभी भी उल्टी न करवाएं: कभी भी नमक के पानी की अधिक मात्रा न दें,
कभी भी कुछ भी मुंह के जरिए न दें (जब तक कि मुंह जला हुआ न हो और पीड़ित होश में न हो),
मुंह के जरिए कुछ भी देने की कोशिश न करें यदि पीड़ित बेहोश हो,
यदि किसी ने उल्टी करने के लिए पेट्रोल पी लिया है, तो किसी दुर्घटना का इंतजार न करें: शुरुआत से ही पीड़ित के दिल को ऊपर और सिर नीचे की तरफ की रिकवरी अवस्था में होना चाहिए,
कभी भी कोई भी टैबलेट न लें और न ही दें, खासकर एल्कोहल के साथ सोने की टैबलेट--- यह संयोजन गंभीर हो सकता है।