यदि द्वि-अधिकारी का व्यवहार कुर्नाट के द्वारा वर्णित व्यवहार के जैसा हो, तो बाज़ार माँग वक्र को समीकरण q = 200 – 4p द्वारा दर्शाया जाता है तथा दोनों फर्मों की लागत शुन्य होती है। प्रत्येक फर्म के द्वारा संतुलन और संतुलन बाज़ार कीमत में उत्पादन की मात्रा ज्ञात कीजिए।
Answers
Answer:
Jfsitskt gkskgsmvd bcc c dbd. s cabc cscsnfs s f s
Explanation:
xa dwbfwbfs entetbwntebtw te w rw dw a
शून्य कीमत पर उपभोक्ता की मांग की अधिकतम मात्रा 200 है (200 -410)-200-0 =200 कल्पना कीजिए
की फर्म B वस्तु की शून्य इकाई की पूर्ति करती है और फर्म Aमानती है कि अधिकतम मांग=200 इकाई है , तो वह इसकी आधी अथार्त 100 इकाइयों की पूर्ति का निर्णय लेगी| दिया हुआ है की फर्म A100 इकाइयों की पूर्ति कर रही है तो फर्म 8 के लिए 100 ईकाई (200-100) की मांग अब भी विधमान है , तो वह इसकी आधी 50 इकाई की पूर्ति करेगी| फर्म के लिए अब150(200-50) की मांग विधमान है वह इसकी आधी 75 ईकाई की पूर्ति करेगी | इस तरह दोनों फर्मों में एक दूसरे के प्रति संचलन जारी रहेगी| अत: दोनों फर्मे निम्नलिखित निर्गत की पूर्ति करेंगे :
220/2 -220/4 +200/8 -200/16 +200/32 -20/64 =200/3
बाज़ार में कुल पूर्ति = 200/3+200/3=400/3
400/3 =200-4p
400=600-120 , 12p=200
P=200/12 = 16.66
अत: संतुलन मात्रा = 200/12 इकाई प्रत्येक फर्म के लिए
फर्मों की संख्या=2
संतुलन कीमत=16.66
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