yog ka mahatva batate hue pita jii ko patra
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योग का महत्व बताते हुए मित्र को पत्र
बी 41/2
ज्वालापुरी
नांगलोई
नई दिल्ली - 110025
09.06.2020
प्रिय मित्र राघव
मैं यहां कुशल मंगल हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी वहां अच्छे होगे। मुझे कल ही तुम्हारा पत्र मिला जिसमें तुमने लिखा था कि तुम्हारे शरीर में बहुत दर्द रहता है और जो दवाइयां खाने के बाद भी यह ठीक नहीं हो रहा है। मैं तुम्हें बताना चाहूंगा कि यदि तुम योग करोगे तो तुम्हारा शरीर दर्द कुछ समय में ठीक हो जाएगा और तुम पहले की तरह तंदुरुस्त हो जाओगे। हालांकि शुरुआती दिनों में तुम्हें योग से अवश्य दर्द होगा परंतु तुम जानते ही हो कि मेरे पिताजी ने योग के सहारे ही अपनी अस्थमा जैसी बीमारी का इलाज किया है। योग का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है और योग बड़े से बड़ी बीमारियों को ठीक करने में सफल रहा है। तो मैं तुम्हें इतना ही कहना चाहूंगा कि तुम रोजाना योगा करो और अपने शरीर को तंदुरुस्त बनाओ।
तुम्हारा मित्र
तुषार।
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