''yuvao me screen lagav ka addhyan '' kya he..
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देश के युवाओं में सबसे बड़ी चिंता बेरोजगारी और शिक्षा को लेकर है। हालांकि, उनमें से अधिकतर का मानना है कि राजनीतिक दलों के नेता उनकी जरूरतों पर ध्यान देते हैं। एक नए अध्ययन से यह बात सामने आयी है। गोलकीपर्स ग्लोबल यूथ पोल के मुताबिक देश के करीब 55 प्रतिशत युवाओं का मानना है कि वे राजनीति और सरकार के बारे में जानकार हैं और करीब 69 प्रतिशत युवा बहुत हद तक यकीन करते हैं कि वे अपने देश के शासन के तौर-तरीकों को प्रभावित कर सकते हैं।
इसके मुताबिक 86 प्रतिशत नौजवान भारत के भविष्य को लेकर आशावादी हैं। उनमें से अधिकतर का मानना है कि राजनीतिक दलों के नेता उनका ख्याल रखते हैं। बिल एवं मेलिडा गेट्स फाउंडेशन के न्यूयार्क में दूसरे वार्षिक गोलकीपर्स कार्यक्रम के पहले इप्सोस पब्लिक अफ़ेयर्स ने यह सर्वेक्षण किया। देश में सबसे ज्यादा चिंता युवाओं को बेरोजगारी को लेकर है। इस पक्ष में 44 प्रतिशत युवाओं ने जवाब दिया, जबकि 33 प्रतिशत युवाओं ने शिक्षा की कमी को चिंता का विषय माना।
सर्वेक्षण में शामिल देशों के व्यस्कों तथा युवाओं को सबसे अधिक सुरक्षा की चिंता है। स्वास्थ्य प्रणाली को लेकर व्यस्कों को सबसे कम चिंतायें हैं। युवाओं को सबसे कम चिंता खराब बुनियादी ढांचे, पारिवारिक मुद्दे, प्रेम संबंध तथा आव्रजन को लेकर है। भारत में सबसे अधिक (44 प्रतिशत) युवाओं को बेरोजगारी की चिंता है। बेरोजगारी को लेकर दुनिया में सबसे अधिक परेशान फ्रांस (49 प्रतिशत) के युवा हैं जबकि केन्या के मात्र सात प्रतिशत युवाओं को यह चिंता सताती है। भारत में युवाओं की परेशानी का सबब सुरक्षा, शिक्षा और पर्यावरण भी है।