Physics, asked by krishnanrnair1724, 8 months ago

0.05 kg संहति का कोई कंकड़ ऊध्र्वाधर ऊपर फेंका गया है। नीचे दी गई प्रत्येक परिस्थिति में कंकड़ पर लग रहे नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा लिखिए :
(a) उपरिमुखी गति के समय ।
(b) अधोमुखी गति के समय ।
(c) उच्चतम बिंदु पर जहाँ क्षण भर के लिए यह विराम में रहता है। यदि कंकड़ को क्षैतिज दिशा से 45\textdegree कोण पर फेंका जाए, तो क्या आपके उत्तर में कोई परिवर्तन होगा ?
वायु-प्रतिरोध को उपेक्षणीय मानिए।

Answers

Answered by vipinsingh97471
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Answer:

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Answered by kaashifhaider
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प्रत्येक परिस्थिति में कंकड़ पर लग रहे नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा।

Explanation:

सभी मामलों में शरीर पर कार्य करने वाले शुद्ध बल की दिशा और परिमाण समान है।

द्रव्यमान = 0.05kg

गुरुत्व के कारण त्वरण = 10 मी / से ^ 2

बल = गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण x द्रव्यमान  

= (0.05x10) N  

= 0.5N

(a) पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल हर समय शरीर पर काम करता है एवं बल की दिशा हमेशा नीचे की ओर होती है।

(b) इसलिये 0.05 M का शुद्ध बल शरीर में सभी तात्कालिक दिशाओं में नीचे की ओर कार्य करेगा।  

(c) यह बल बदलता नहीं है यहां तक कि यह कंकड़ 45 डिग्री के कोण पर फेंक दिया जाता है क्योंकि इस पर लगने वाला बल अभी भी वही है।

घर्षण बल से लाभदायक तथ्य एवं हानिकारक तथ्य।

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