History, asked by rajbharkrish2, 7 months ago

1. आंचलिक शक्तियों का उत्थान।​

Answers

Answered by Anonymous
17

Answer:

आधुनिक युग में नव्यतर विधाओं के संदर्भ में ‘ आंचलिकता ’ एक दिशा की उपलब्धि है। व्यष्टिसत्य और समष्टि - सत्य का उपन्यासों के धरातल पर दो रूपों में विकास हुआ है। व्यष्टि सत्य को लोगों ने माक्र्स , फ्रायड , एडलर , युंग , सात्र्र आदि की वैचारिक भूमिका पर ग्रहण किया है , तो समष्टि सत्य की चुनौती को ‘ आंचलिकता ’ ने स्वीकार किया है। उपन्यास के प्रसंग में ‘ अंचल ’ ‘ आंचलिक ’ तथा ‘ आंचलिकता ’ आदि शब्दों पर विचार करना आवश्यक है। ‘ अंचल ’ शब्द संस्कृत की ‘ अंच् ’ धातु में ‘ अलच् ’ प्रत्यय के योग से बना है। भौगोलिक आदि सीमाओं से घिरे हुए जनपद को ‘ अंचल ’ की संज्ञा दी जा सकती है। वस्तुतः ‘ अंचल ’ शब्द स्थान विशेष का सूचक है। ‘ आंचलिक ’ शब्द की संस्कृत व्याकरणानुसार सिद्धि नहीं की जा सकती। ‘ अंचल ’ से अंचलीय , अंचलता , अचलत्व आदि शब्दों का निर्माण होना चाहिए किन्तु इन शब्दों की अपेक्षा ‘ आंचलिक ’ शब्द सर्वस्वीकृत एवं प्रचलित हो गया है। ‘ आंचलिकता ’ शब्द भाववाचक है।

PLEASE MARK AS BRAINLIST ANSWER

Similar questions