1.मनुष्य अपनी वाली पर उतरे से क्या अभिप्राय है ?
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➠अहम् का अर्थ है – मैं एकवचन। मैं अर्थात् कर्ता, कर्ता वह होता है जो किसी काम को करता है, मैं, वह, तुम, हम सब. राम, योगेश, प्रिया यह सभी किसी काम को करते है, और सर्वनाम कहलाते है । अहम् – उत्तम पुरुष \\ मि- उत्तम पुरुष – एकवचन – परस्मैपद वर्तमान काल \\ गच्छ - धातु गच्छ – जाना । एक क्रिया है - क्रिया उसे कहते है जिस काम को किया जाता है , उसे क्रिया कहते है जैसे – जाना, खाना, पीना, दौड़ना, खेलना ये सभी क्रियाएँ है । अब आप देखिये – अहम् - क्या है ? कर्ता \\ गच्छ – क्या है ? क्रिया। जब हम हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते है, तब कर्ता और क्रिया दोनों ही - एक ही वचन तथा एक ही काल, एक ही पुरुष, एक ही पद के होना चाहिये। यदि कर्ता एक वचन है तो पुरुष भी एक वचन और क्रिया भी एक ही वचन की होगी। इस प्रकार अहम् गच्छामि, दोनों एक वचन है, एक ही पुरुष है उत्तम पुरुष। \\ अब हम मिश्रित मिले जुले वाक्यों का प्रयोग करेगें । कुछ शब्दार्थ जैसे – यदा = जब, तदा = तब, तत्र = वहाँ, यथा = जैसे, तथा = वैसे, अपि = भी, च = और, किम् = क्या । \\ वाक्यों का प्रयोग - यदा बालक ; पठति
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