Hindi, asked by rekhamjain1999, 3 months ago

1) मनुष्य मेहनत करके कमाता है और भगवान देता है।​

Answers

Answered by rushikeshithape4132
0

Answer:

सामवेद में उपदेश है कि बुरी कीर्ति, दुष्ट साधनों एवं हिंसक प्रवृत्ति वाले को मोक्ष और शांति नहीं मिलती। धन अभिलाषी के लिए शांति रूपी धन ही प्राप्त करने योग्य है। इस लोक का धन-धान्य तो चोर डाकुओं के पास भी होता है। वैसे देखने में आता है कि बहुत से लोग धन अन्याय, हेराफेरी, रिशवतखोरी, चोरबाजारी से कमाते हैं। वाल्मीकि रामायण में पुत्र शोक से पीड़ित महाराज दशरथ ने कहा कि मनुष्य शुभ-अशुभ, अच्छा-बुरा जो भी कर्म करता है उसी कर्म के अनुसार उसे सुख या दुख प्राप्त होते हैं। जो कर्मों को करते समय उसके फल की अच्छाई या बुराई को नहीं जानता उस कर्म से होने वाले लाभ-हानि को नहीं समझता वह मनुष्य मुर्ख कहा है। मुर्ख मनुष्य अंधाधुंध अन्यायी बन कर पाप की कमाई करता है। जब पाप कर्म का फल दुख के रूप में मिलता है, तो पश्चाताप करता है। सामवेद के अनुसार जो धन अन्याय, अत्याचार, चोरी-डाका डाल कर, किसी का कत्ल करके अनाचार से कमाया जाता है।

Answered by prachipadwal6269
0

Explanation:

मनुष्य मेहनत करके कमाता है और भगवान सफलता देते है |

Mark as Brainlist Answer please

Similar questions