1 निम्नलिखित गाश को ज्यानपूर्वक पढ़कर पूरे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 3x5-15 विधायी का अहकार आवश्यकता से अधिक बनता जा रहा है और दूसरे उसका ध्यान अधिकार पाने में है. अपना कर्मव्य पूरा करने नहीं। अद दुरी चीज कही जा सकती है। यह सब में होता है और एक सीमा तक आवश्यक भी है किन्तु आज के विद्यार्टियों में यह दाना गया कि विनय के गुण उनमें नाम मात्र केही रह गए हैं। गुरूजनों या बों की बात का विरोध करना उनके जीवन का अंग बन गया है इन्ही बातों के कारण याची अपने अधिकारों के बहुत अधिकारी नही है। उसे भी यह अपना समझने लगे हैं। अधिकार और कर्तव्य दोनों एक दूसरे से जुड़े रहते है। स्वरमा बिजलि वही कही जा सकती जब दोनों का सन्तुलन हो। आज का विद्यार्थी अधिकार के प्रति राजग है, परन वह अपने कर्तव्यों की ओर से विमुख हो गया है। एक सीमा की अति का दूसरे पर भी असर पड़ता है। 1 आधुनिक विधार्थियों में नयता की कगी क्यों होती जा रही है? 2 विद्यार्थी प्रायः किसका विरोध करते ह? 3 विधाया में किसके प्रति सजगता अधिक है? 4 रेखाकित शब्द का अर्थ लिखिए। उचित शीर्षक दीजिए।
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zvsgshsbs said 3rd place is this year
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