Hindi, asked by anugund7914, 11 months ago

1.तुम मनुष्य हो,अमित बुद्धि-बल-विलसित जन्म तुम्हारा। क्या उद्देश्य-रहित है जग में,तुमने कभी विचारा ? बुरा न मानो,एक बार सोचो तुम अपने मन में। क्या कर्तव्य समाप्त कर लिया तुमने निज जीवन में ।

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Answered by bhatiamona
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यह पंक्तियाँ जीवन संदेश से ली गई है| यह कविता श्री रामनरेश त्रिपाठी द्वारा लिखी गई है|

कविता में कवि मानव को कर्म में रत रहने का संदेश किया है|  कवि कहते है तुम मनुष्य हो , तुम्हारा जन्म इस संसार में अत्यधिक बुधि और बल से युक्त हुआ है| ऐसी दशा में क्या तुमने अपने मन में कभी  इस बात के बारे पर विचार किया है की तुम्हारा जीवन का क्या उद्देश्य है | तुमने कभी नहीं सोचा होगा | हे मनुष्य बुरा मत मानना | तुम एक बार अपने मन से पूछ लेना और सोचना की तुमने अपने जीवन के सारे कर्तव्य पूरे कर लिए है या नहीं|  

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