Hindi, asked by anjali790, 9 months ago

13. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) हिति चित्त की द्वै यूँनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा।
(ख) आँधी पीछे जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ।​

Answers

Answered by ashokkumar6394
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Explanation:

) जब ज्ञान रूपी आंधी बहने लगती है तब माया के द्वारा जीव को बहुत देर तक बांधकर नहीं रखा जा सकता। इससे मन की दुविधा रूपी दोनों खंबे गिर जाते हैं जिन पर दुविधा रूपी छप्पर टिकता है। छप्पर का आधारभूत मोह रूपी खंबा भी टूट गया है गया जिस कारण तृष्णा रूपी छप्पर भूमि पर गिर गया।

ख) ज्ञान की आंधी के बाद भगवान के प्रेम और अनुग्रह कि जो वर्षा हुई उससे भक्त पूरी तरह प्रभु प्रेम के रस में भीग गया। उनका अज्ञान पूरी तरह मिट गया।

Answered by Anonymous
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Answer:

इसका भाव यह है कि ईश्वरीय ज्ञान हो जाने के बाद प्रभु-प्रेम के आनंद की वर्षा हुई। उस आनंद में भक्त का हृदय पूरी तरह सराबोर हो गया।

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