Social Sciences, asked by PragyaTbia, 11 months ago

1912 में प्रकाशित 'विवाहित महिलाओं के लिए आचरण' पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें:
'ईश्वर ने औरत जाति को शारीरिक और भावनात्मक, दोनों ही तरह से ज्यादा नाजुक बनाया है। उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने ही उन्हें जीवन भर पुरुषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है-कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुगृहीत होना चाहिए कि वे अपने आपको पुरुषों की सेवा में समर्पित कर सकती हैं।'' क्या इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ़ हैं?

Answers

Answered by nikitasingh79
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उत्तर :  

1912 में प्रकाशित 'विवाहित महिलाओं के लिए आचरण' पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ने पर इन पंक्तियों में उल्लेखनीय मूल्य हमारे संविधान में निहित दर्शन एवं मूल्यों से मेल नहीं खाते।  

हमारे संविधान समानता , स्वतंत्रता एवं बंधुत्व की भावना पर ज़ोर देता है । संविधान का प्रथम मौलिक अधिकार समानता का अधिकार है । पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार दिए गए हैं। महिलाओं को वोट डालने और चुनाव लड़ने का अधिकार उसी तरह प्राप्त है जिस प्रकार पुरुषों को स्त्रियां पुरुषों को। स्त्रियां पुरुषों के अधीन नहीं है । भारत में राजनीतिक, सामाजिक ,सांस्कृतिक ,उद्योग धंधे , पुलिस, सेना इत्यादि सभी क्षेत्रों में स्त्रियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। श्रीमती इंदिरा गांधी अपने पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू के समान ही शक्तिशाली प्रधानमंत्री थीं।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न  

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए।

क. संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।  

ख. संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विविध अंगों का गठन किस तरह होगा।  

ग. नागरिकों के अधिकार और सरकार की सत्ता की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है। घ. संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।

https://brainly.in/question/9692948

हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए।  

क. संप्रभु         1. सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।  

ख. गणतंत्र        2. फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।  

ग. बंधुत्व          3 . शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।  

घ. धर्मनिरपेक्ष   4. लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।

https://brainly.in/question/9702942

Answered by Anonymous
3

\huge\bf{Answer:-}

यह मूल्य संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ जाते हैं। संविधान अपने प्रत्येक नागरिक को समानता का अधिकार देता है, जिसका अर्थ है कि लिंग, रंग आदि के भेदभाव के बिना हर व्यक्ति अपने अवसर का उपयोग कर सकता है, दूसरों को आनंद मिलता है। जब यह संरक्षण की बात आती है तो लेखक यह व्यक्त करता है कि महिलाएं अपने रिश्तेदार विशेष रूप से पुरुषों के नियंत्रण में होना चाहिए, लेकिन हमारा संविधान सभी को स्वतंत्रता का अधिकार देता है। क्या इंसान भी एक ऐसा गुलाम नहीं है जो जीवन भर दूसरों की सेवा करे। संविधान इन सभी अधिकारों को मौलिक अधिकार देता है और यदि ऐसे अधिकारों का उल्लंघन होता है तो पीड़ित व्यक्ति अपने संवैधानिक उपचार के अधिकार का उपयोग कर सकता है या सार्वजनिक मुकदमेबाजी अधिनियम के तहत सर्वोच्च न्यायालय में सीधे संपर्क कर सकता है।

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