India Languages, asked by deepakdancer125, 4 months ago

2 अधोलिखितस्य पाठ्यपुस्तकात् पठित पदयांशस्य सप्रसंग हिंदी भाषायाम् अनुवादं कुरुत
पात्रापात्र -विवेकोऽस्ति धेनुपन्नगयो इव।
तृणात्संजायते क्षीरं क्षीरात्सजायते विषम्।।
अथवा
अपि स्वर्णमयि लंका न में लक्ष्मण रोचते।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।।​

Answers

Answered by babygirl78
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हे लक्षमण सोने से निर्मित लंका मुझे अच्छी नही लगती हैं माता ओर मात्र भुमि सवरग से भी शेरेषठ होती है

(I know you) this is half yearly exam question

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