2. ' जलियाँवाला बाग कांड ' विषय पर 150-200 शब्दो में लिखिए
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जलियांवाला बाग अमृतसर में स्थित है। यह स्थान अमृतसर के प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर है। यह घटना सन 1919 की है। वह दिन पारंपरिक त्यौहार बैसाखी की पहली तारीख 13 अप्रैल थी।भारत में हिन्दू लोग इस दिन को एक पवित्र दिन के रूप में मानते हैं। उस दिन जलियांवाला बाग में एक विशाल जलसे का आयोजन किया गया था जहाँ हजारों लोग दूर-दूर से इक्कठा हुए थे। वहां उस दिन हंसराज जी का भाषण सुनने के लिए लगभग 20,000 लोग उपस्थित हुए थे जिसमे ज्यादातर सिख समुदाय के लोग थे।
भाषण प्रारंभ हुआ और लोग ध्यान से भाषण सुन रहे थे। तभी ब्रिटिश जनरल डायर जलियांवाला बाघ पहुंचा और एकाएक उसने सभा को बंद करने का आदेश दिया। जनरल डायर के आदेश से सभी जगह भीड़ में भागदौड़ मच गयी।
जनरल डायर ने सभी दरवाज़ों पर अपने सैनिकों को तैनात करवा दिया जिससे की लोग बहार ना निकल पायें। उस समय जनरल डायर के सैनिकों के पास लगभग 1600 राउंड गोलियां थी।
क्रूर जनरल डायर के ब्रिटिश सैनिकों ने भागते हुए लोगों के ऊपर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दिया जिसमे उन्होंने सभी 1600 राउंड गोलियों को लगभग दस मिनट तक चलाया। कई निहत्थे लोग उस जलियांवाला बाग में स्थित एक कुएं में कूद गए।ब्रिटिश सरकार के अनुसार इस फ़ायरिंग में लगभग 379 लोगों की जान गयी और 1200 लोग जख़्मी हुए परन्तु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अनुसार उस दिन 1000 से ज्यादा लोग शहिद हो गए जिसमे से 120 की लाश कुएं में से मिली थी और 1500 से ज्यादा लोग जख़्मी हुए थे।कायर होने के कारण ही जनरल डायर ने हजारों निहत्थे लोगों की हत्या की। वह अपने आप को योद्धा और उद्धारक समझता है? उसकी बुद्धि पूरी तरीके से भ्रष्ट हो चुकी है। यह उसकी अयोग्यता और निर्दयता का नमूना है।
जलियांवाला बाग ब्रिटिश सरकार के अत्याचार और निर्दयिता को याद दिला देता है। साथ ही यह उन महान निर्दयी लोगों की भी याद दिलाता है जिन्होंने बिना किसी कारण अपने देश के लिए जीवन दिया।