2 logo ke beech khane ki barbadi ko lekar samvaad lekhan
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✌️✌️✌️✌️✌️✌️
विवाह के समय दो लोग खा रहे होते है और उनमें से एक खाने को थोड़ा खाने के बाद फेक रहा होता है
पहला व्यक्ति - खाना मत फेको इसे कहा लो
दूसरा व्यक्ति - मेरा मन नही है खाने का
पहला व्यक्ति - यदि तुम्हारा मन नही था तो इतना खाना क्यों ले लिया
दोसरा व्यक्ति - क्या करूँ अब?? वैसे तुम्हे इससे क्या समस्या है
पहला व्यक्ति - तुम ये खाना वरवाद कर रहे हो ये गलत है उससे पुछो जिसे खाना नही मिलता । उन बच्चों को पुछो जो भूखे से तड़प कर भूखे सो जाते है ।।।
दूसरा व्यक्ति - हा तुम सही कहते हो । अब कभी भी खाने को बर्बाद नही करूँगा
फिर उस व्यक्ति ने पूरा खाना खा लिया
✌️✌️
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
आशा करता हूँ उत्तर अच्छा लगेगा
विवाह के समय दो लोग खा रहे होते है और उनमें से एक खाने को थोड़ा खाने के बाद फेक रहा होता है
पहला व्यक्ति - खाना मत फेको इसे कहा लो
दूसरा व्यक्ति - मेरा मन नही है खाने का
पहला व्यक्ति - यदि तुम्हारा मन नही था तो इतना खाना क्यों ले लिया
दोसरा व्यक्ति - क्या करूँ अब?? वैसे तुम्हे इससे क्या समस्या है
पहला व्यक्ति - तुम ये खाना वरवाद कर रहे हो ये गलत है उससे पुछो जिसे खाना नही मिलता । उन बच्चों को पुछो जो भूखे से तड़प कर भूखे सो जाते है ।।।
दूसरा व्यक्ति - हा तुम सही कहते हो । अब कभी भी खाने को बर्बाद नही करूँगा
फिर उस व्यक्ति ने पूरा खाना खा लिया
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आशा करता हूँ उत्तर अच्छा लगेगा
indianangel8186:
Thanku so much VShukla1
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संवाद--
मां-- बेटा, आज मैंने न तुम्हारे लिए आलू के पराठे बनाएं है।
बेटी-- क्या? पर क्यों? मुझे आप मोटा बनाना चाहती है।
मां-- नहीं, बेटा। एक दिन खा लेने से कोई मोटा नहीं बन जाता।
बेटी-- मां,मैं बाहर पिज्जा खा लूंगी।
मां-- यह आपके स्वास्थ के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि इससे रोग की सृष्टि होती है।
बेटी-- मां, यह पराठा खाने से मेरे दोस्त मेरा मजाक बनाऐंगे।
मां- बनाने दो, मेरे लिए तुम मेरा सब कुछ हो। अगर तुमको कुछ हो गया तो मैं क्या करुंगी। बेटा खाना हमेशा पौष्टिक होना चाहिए।
बेटी-- मां, मुझे पसंद नहीं है। मैं तो बर्गर ही खाऊंगी।
मां-- तभी तो हर महिने पिंपल्स के लिए डाॅक्टर के पास जाती हूं। पेट दर्द से आधे महिने परेशान रहती हो।
बेटी-- मां, यह सब क्या फास्ट फूड की वजह से होता है?
मां-- हां, बेटा। इसलिए तो मैं तुझे हर रोज टिफिन देती हूं। हां, लोग तेरी मजाक न बनाएं इसलिए कभी पराठा देती हूं। मैं, मां हूं तेरी फिक्र मैं नहीं करुंगी तो कौन करेगा।
बेटी- ठीक है मां, आज से फास्ट फूड बंद और मां फूड शुरु।
मां- मेरा प्यारा बच्चा।
R
मां-- बेटा, आज मैंने न तुम्हारे लिए आलू के पराठे बनाएं है।
बेटी-- क्या? पर क्यों? मुझे आप मोटा बनाना चाहती है।
मां-- नहीं, बेटा। एक दिन खा लेने से कोई मोटा नहीं बन जाता।
बेटी-- मां,मैं बाहर पिज्जा खा लूंगी।
मां-- यह आपके स्वास्थ के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि इससे रोग की सृष्टि होती है।
बेटी-- मां, यह पराठा खाने से मेरे दोस्त मेरा मजाक बनाऐंगे।
मां- बनाने दो, मेरे लिए तुम मेरा सब कुछ हो। अगर तुमको कुछ हो गया तो मैं क्या करुंगी। बेटा खाना हमेशा पौष्टिक होना चाहिए।
बेटी-- मां, मुझे पसंद नहीं है। मैं तो बर्गर ही खाऊंगी।
मां-- तभी तो हर महिने पिंपल्स के लिए डाॅक्टर के पास जाती हूं। पेट दर्द से आधे महिने परेशान रहती हो।
बेटी-- मां, यह सब क्या फास्ट फूड की वजह से होता है?
मां-- हां, बेटा। इसलिए तो मैं तुझे हर रोज टिफिन देती हूं। हां, लोग तेरी मजाक न बनाएं इसलिए कभी पराठा देती हूं। मैं, मां हूं तेरी फिक्र मैं नहीं करुंगी तो कौन करेगा।
बेटी- ठीक है मां, आज से फास्ट फूड बंद और मां फूड शुरु।
मां- मेरा प्यारा बच्चा।
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