2 निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिये - अंक 06 शब्दसीमा 150-200 आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी हाथों पे झुलाती है उसे गोद-भरी रह-रहके हवा में जो लोका देती है गूंज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हँसी (को इस काव्यांश के कवि तथा कविता का नाम लिखिए। (ख) 'चाँद के टुकड़े का प्रयोग किसके लिए हुआ है और क्या? (ग) माँ द्वारा शिशु को खिलाने का चित्र अंकित कीजिए। (घ) बच्चा माँ की गोद में कैसी प्रतिक्रिया करता है? (उ) यह अंश वात्सल्य का एक सुदर दृश्य प्रस्तुत करता है - सिद्ध कीजिए।
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(ख) बच्चे को चाँद का टुकड़ा कहा गया है जो माँ के लिए बहुत प्यारा होता है।
(ग) माँ में इतनी शक्ती होती है वह अपने शिशु के लिए कोई भी रूप धारण कर लेती है | माँ अपने शिशु को खिलाने के लिए वह खुद शिशु बन जाती है। माँ शिशु को खाने को अलग-अलग तरह के नाम देकर खिलाती है। वह शिशु को दलिया, खिचड़ी, खीर , मीठा, खट्टा आदि सब बाते बना बना कर खिलाती है।
(घ) हर बच्चे को अपनी मां की गोद में सोना (Sleep) अच्छा लगता है. बच्चों को किसी आरामदायक बिस्तर से ज्यादा अच्छी नींद मां की गोद में ही आती है. इस दौरान अगर कोई आकर उसे परेशान करे तो मां तुरंत उसके सबक सिखा देती है. सोशल मी़डिया (Social Media) में एक वीडियो तेजी से वायरल (Viral Video) हो रहा ह.
(उ) सार-इस रचना में कवि ने वात्सल्य वर्णन किया है। माँ अपने बच्चे को आँगन में खड़ी होकर अपने हाथों में प्यार से झुला रही है। वह उसे बार-बार हवा में उछाल देती है जिसके कारण बच्चा खिलखिलाकर हँस उठता है। माँ उसे दर्पण में चाँद का प्रतिबिंब दिखाती है और उसे कहती है कि दर्पण में चाँद उतर आया है।