2. ओढनी' शब भी चूड़ियों को पैसों से बेचता न था। उसका अभी तक वस्तुविनिमय का तरीका था और लोग अनाज के - बदले उससे चूड़ियाँ ले जाते थे। बदलु स्वभाव से बहत सीधा था। मैंने कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा। हाँ, शादी विवाह के अवसरों पर वह अवश्य जिद-पकड़ जाता था। जीवन भर चाहे कोई उससे मुफ्त चूड़ियाँ ले जाए परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था। आखिर सुहाग के जोड़े का महत्व ही और होता है। 3- सुचारु आ 5 1.बदलू क्या था? 2 बदलू का पैतृक पेशा क्या था? 3वह चूड़ियाँ कैसे बेचता था? 4.उसकी बनाई चूड़ियों की खपत कहाँ होती थी? 5.शादीविवाह के अवसर पर बदलू किस बात के लिए जिद पकड़ता था-? परन3दिए गए प्रश्नों को उनर लिखें-
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