25. मारी नगर में पशु चारकों पर टिप्पणी लिखिए
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कोसीकलां (मथुरा)। सड़क पर घूमने वाले गोवंश को सुरक्षित करने के लिए नगर पालिका क्षेत्र में कान्हा पशु आश्रय केंद्र का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए नगर पालिका परिषद ने करीब 35 लाख रुपये की डीपीआर बनाकर शासन को स्वीकृति के लिए भेज दी हैं।
नगर निकाय क्षेत्रों में आवारा घूमने वाले गोवंश के लिए कान्हा पशु आश्रय केंद्र खोलने के लिए धन मुहैया कराया जा रहा है। नगर पालिका परिषद क्षेत्र में 35 लाख रुपये की लागत से कान्हा पशु आश्रय केंद्र बनाया जाएगा। इसमें 250 पशुओं को रखने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अन्य नगर पंचायतों में भी गोवंश कान्हा पशु आश्रम केंद्र सरकार की ओर से बनाए जाने हैं।
मारी नगर फ़रात नदी उर्ध्वधारा पर स्थित है जबकि नगर के दक्षिण के मैदानी भाग खेती की होती थी । मारी नगर का अधिकांश भाग भेड़ - बकरी चराने के लिए ही काम में लिया जाता था । पशुचारकों को जब अनाज , धातु के औज़ारों आदि की जरूरत पड़ती गीतब वे अपने पशुओं तथा उनके पनीर , चमड़ा तथा मांस आदि के बदले ये चीजें प्राप्त करते थे । बाड़े में रखे जाने वाले पशुओं के गोबर से बनी खाद भी किसानों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती थी ।
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