250 words essay on Kiran bedi and give some introduction of women's day before it please urgent!!!!! in hindi
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किरण बेदी एक भारतीय राजनेता, सामाजिक कार्यकर्त्ता, भूतकालीन टेनिस खिलाडी और रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर है। किरन बेदी 1972 में पुलिस सर्विस(आईपीएस) में शामिल हुई और भारत की पहली महिला अधिकारी बनी।
एक किशोर की तरह, बेदी 1966 में राष्ट्रीय कनिष्ट टेनिस चैंपियन बनी। 1965 से 1978 के बिच उन्होंने कई सारे राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कार जीते। आईपीएस में शामिल होने के बाद किरन बेदी ने दिल्ली, गोवा और मिजोरम में सेवा की। उन्होंने अपना कार्यकाल पुलिस आयुक्त प्रतिनिधि (DCP) की तरह चाणक्यपुरी, दिल्ली से शुरू किया।
1979 में राष्ट्रपति पुलिस मैडल जीता। बाद में वे पश्चिम दिल्ली गयी, जहा उन्होंने दिल्ली में हो रहे महिलाओ पर अत्याचारों को कम किया। इसके बाद, एक ट्रैफिक पुलिस की तरह, उन्होंने 1982 में दिल्ली में हो रहे एशियाई खेलो की निगरानी की। उत्तरी दिल्ली के DGP की तरह, उन्होंने ड्रग्स और दुर्व्यवहार के खिलाफ अपना अभियान जारी किया। जो बाद में नवज्योति दिल्ली पुलिस फाउंडेशन (2007) में मिला।
मई 1993 में, उन्हें दिल्ली कारागार में इंस्पेक्टर जनरल (IG) की तरह भेजा गया। जहा तिहार जेल में उन्होंने कई सुधार भी किये। जहा उनके इस प्रयत्न के लिए उन्हें 1994 में रमण मेगसेसे पुरस्कार दिया गया।
2003 में, किरन बेदी पहली महिला बनी जिसे यूनाइटेड नेशन ने नागरिक पुलिस सलाहकार हेतु नियुक्त किया। लेकिन उन्होंने 2007 में इससे इस्तीफा दे दिया। ताकि वे सामाजिक गतिविधियों और लेख लिखने में ध्यान लगा सके। उन्होंने कई सारी किताबे लिखी और इंडिया विज़न फाउंडेशन भी चला रही है।
2008-11 के बिच, उन्होंने आप की कचेहरी की मेजबानी भी की। वह 2011 भ्रष्टाचार मुक्त भारत की नेता भी बनी, और जनवरी 2015 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई।
Kiran Bedi Education & Early HistoryKiran Bedi का जन्म 9 जून 1949 को अमृतसर में, एक अच्छे पंजाबी व्यापारी परिवार में हुआ। वह प्रकाश लाल पेशावरिया और प्रेम लता की दूसरी बेटी थी। उनको तिन बहने शशि, रीता और अनु थी। उनके बड़े दादा लाला हरगोबिन्द का पेशावर से अमृतसर स्थानांतरण हुआ। जहा उन्होंने एक व्यापर शुरू किया। बेदी का पालनपोषण ज्यादा धार्मिक रूप से नही था। लेकिन दोनों धर्मो हिन्दू और सिख धर्म में उनका पालनपोषण हुआ (उनकी दादी सिख थी)।
किरण बेदी जी ने अपनी पढाई 1954 में सेक्रेड हार्ट कॉन्व्हेंट स्कूल अमृतसर से शुरू की। दूसरी स्कूल की गतिविधियों में से उन्होंने नेशनल कैडेट कोर (NCC) में भी हिस्सा लिया। उस समय सेक्रेड हार्ट में विज्ञानं नहीं था। इसके अलावा दूसरा विषय “परिवार” था। जिसका मुख्य उद्देश शादीशुदा महिलाओ को एक अच्छी गृहिणी बनाना था।
जब वह 9 वी कक्षा में थी। तब बेदी जी ने काम्ब्रिज कॉलेज ज्वाइन की जहा विज्ञानं की सुविधा थी ताकि वो मेट्रिक परीक्षाओ की तयारी भी कर सके। समय के साथ उनके सहकर्मियों ने 9 वी कक्षा पास कर ली और किरण बेदी ने 10 वी पास कर ली।
किरण बेदी जी 1968 में BA इंग्लिश में सरकारी महिला कॉलेज अमृतसर से स्नातक हुई। और उसी साल उन्हें NCC कैडेट ऑफिसर का पुरस्कार दिया गया। 1970 में, उन्होंने राजनीती शास्त्र में पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से मास्टर डिग्री प्राप्त की।
1970 से 1972 तक उन्होंने खालसा महिला कॉलेज अमृतसर में व्याख्याता का काम किया। वह राजनीती शास्त्र से संबंधित विषयो को पढ़ाती थी। बाद में भारतीय पुलिस में उनके करियर के दौरान उन्होंने 1988 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्याय शास्त्र की डिग्री प्राप्त की और IIT दिल्ली डिपार्टमेंट ऑफ़ सोशल साइंस से 1993 में Ph.D की।
उनकी इस जीवनी को देखते हुए उनका एक सुविचार हमारे लिए प्रेरणादायक साबित होता है। –
“जो लोग समय रहते अपने जीवन का चार्ज नहीं ले लेते। वे बाद में समय द्वारा लाठी चार्ज किये जाते है।”
इस सुविचार से हमें यह सीख मिलती है की बाद में पछताने की बजाये समय रहते हमने अपने जीवन के अत्यावश्यक कामो को पूरा कर लेना चाहिये। और समय की कीमत करनी चाहिये न की उसे व्यर्थ करना चाहिये।