3/ निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या कीजिये।
अभी न होगा मेरा अंत अभी-अभी ही तो आया है।
मेरे वन में मृदुल वसंत-अभी न होगा मेरा अंत ।
हरे-हरे ये पात, डालियाँ, कलियाँ कोमल गात ।
मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर
फेरूगा निद्रित कलियों पर जगा एक प्रत्यूष मनोहर।
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अभी तक होगा मेरा अंत अभी अभी तो आया है मेरे मन में बदल बसंत अभी न होगा मेरा अंत इसमें कभी नहीं खिली हुई कलियों की ओर का निशाना साध रहे हैं और कह रही है कि अभी तो अभी अभी तो मैं फ्री हूं और अभी मैं कैसे मोड़ जा सकती हूं क्योंकि अभी तो बसंत आया है और अभी मैं खेलना शुरू हुई हूं अगली पंक्ति अगली पंक्ति है हरे हरे यह पार डालिया कलियां कोमल गांव में ही अपना स्वप्न बदल कर फिर लूंगा निर्धारित करें ऊपर जगह एक प्रत्यूष मनोहर अर्थात यहां पर काफी है हरे हरे पत्ते हैं डाल लिया है कल लिया है और उनके कोमल को मैं पत्ते हैं जो कि अपनी खुशबू चारों ओर फैला रहे हैं और मैं उनके सपने मृदुल कैसे कर सकता हूं मैं उनको अभी निंद्रा में ही रख उनको निद्रा से जागृत करूंगा और फिर उनकी खुशबू पूरे देश को जागृत करेगी
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