4. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखित
(क) वीरों की "सदा" जीत होती है।
(ख) बच्चे की "मुस्कान" मनमोहक होती है।
(ग) प्रत्येक का "अपना" महत्त्व होता है।
(घ) "चलते-चलते" लड़खड़ाने पर सहयोगी उसे सँभालते हैं।
Answers
सदा :- अव्यय , क्रियाविशेषण अव्यय , कालवाचक ।
मुस्कान :- भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्म कारक।
अपना :- निजवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग। पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन , कर्ता कारक
चलते चलते :- अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य पुल्लिंग, बहुवचन, सामान्य वर्तमानकाल पद
पद परिचय की परिभाषा :-
जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद-परिचय, पद-व्याख्या या पदान्वय कहते है।
व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है - वाक्य में उस पद की स्थिति बताना, उसका लिंग, वचन, कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
पद पाँच प्रकार के होते हैं : –
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया
- अव्यय।
(क) सदा - अव्यय(क्रियाविशेषण)
(ख) मुस्कान - संज्ञा(भाववाचक)
(ग) अपना - सर्वनाम(निजवाचक)
(घ) चलते-चलते - क्रिया(अकर्मक)
Explanation:
जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होकर उसका अंग बन जाता है, तब वह पद कहलाता है। इन्हीं पदों का व्याकरणिक परिचय, पद-परिचय कहलाता है।
वाक्य में प्रयुक्त हर एक पद को अलग-अलग लिखना ही पद-परिचय कहलाता है।
पद पांच प्रकार के होते हैं;
1). संज्ञा
2). सर्वनाम
3). क्रिया
4). विशेषण
5). अव्यय
दिए गए पदों का परिचय इस प्रकार है;
सदा - अव्यय, क्रियाविशेषण अव्यय(प्रकार), कालवाचक(प्रकार) ।
मुस्कान - भाववाचक संज्ञा(प्रकार), एकवचन(वचन), स्त्रीलिंग(लिंग), कर्म कारक।
अपना - निजवाचक सर्वनाम(प्रकार), एकवचन(वचन), पुल्लिंग(लिंग)।
चलते चलते - अकर्मक क्रिया(प्रकार), कर्तृवाच्य पुल्लिंग(लिंग), बहुवचन(वचन), सामान्य वर्तमानकाल पद।
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