Hindi, asked by prajavanibvr, 7 months ago

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मधुकर जुबती जोग न जानैं।
एक पतिब्रत हरि रस जिनकें और हृदै नहिं आनैं
जिनके रंग रस रस्यो रैनि दिन तन मन सुख उपजायो।
जिन सरबस हरि लियो रूप धरि वहै रूप मन भायो।
तू अति चपल आपने रस को या रस मरम न जानैं।
पूछौ सूर चकोर चन्द चातक धन केवल मानें​

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Answered by prince5511
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स्फ्स्ग्र्य्य्थ्ह्ग्व्ह्ह्ब्। गो ह् ह्

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