9. "मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई
जा के सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई
छोड़ि दयी कुल की कानि, कहा करि हुँ कोई?
संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक-लाज खोयी
अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेमि बेलि बोयी।"
की दो विशेषताओं का उल्लेख
Answers
Answered by
1
Answer:
विशेष-
1 .मीरा कृष्ण-प्रेम के लिए परिवार व समाज की परवाह नहीं करतीं।
2.मीरा की कृष्ण के प्रति अनन्यता व समर्पण भाव व्यक्त हुआ है।
3.अनुप्रास अलंकार की छटा है।
‘बैठि-बैठि’, ‘सींचि-सींचि’ में पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार है।
माधुर्य गुण है।
4.राजस्थानी मिश्रित ब्रजभाषा का सुंदर रूप है।
‘मोर-मुकुट’, ‘प्रेम-बेलि’, ‘आणद-फल’ में रूपक अलंकार है।
संगीतात्मकता व गेयता है।
Similar questions