Science, asked by Gunpreet2547, 1 year ago

(a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर को सारणीबद्ध कीजिए। (b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए - दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।

Answers

Answered by Anonymous
37

ए) ठोस राज्य - 1) निश्चित आकार और मात्रा

2) असंगत

3) एक ठोस के कणों के बीच बहुत कम जगह होती है

4) ये कण एक दूसरे को बहुत मजबूती से आकर्षित करते हैं।

5) ठोस के कण स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित नहीं हो सकते

LIQUID STATE -1) कोई निश्चित आकार के तरल में उस बर्तन का आकार नहीं होता है जिसमें इसे रखा जाता है।

2) छोटी सीमा तक संकुचित।

3) इन कणों के बीच अधिक स्थान होता है।

4) तरल कणों के बीच आकर्षण बल कम होता है।

ठोस कणों ।

5) ये कण स्वतंत्र रूप से चलते हैं

गैस स्टेट - 1) गैस का न तो कोई निश्चित आकार है और न ही निश्चित मात्रा है।

2) अत्यधिक संकुचित

3) गैस कणों के बीच का स्थान सबसे बड़ा है।

4) गैसीय कणों के बीच आकर्षण बल कम से कम है

5) गैसीय कण एक निरंतर रैंडम गति में होते हैं।

ख) आकार में परिवर्तन का विरोध करने के लिए कठोरता को पदार्थ की प्रवृत्ति के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। जब बल लगाया जाता है, तो संपीड़ितता कम मात्रा में कम हो जाती है। तरलता प्रवाह करने की ललक है। गैस के कंटेनर को भरने से हमारा मतलब गैस द्वारा कंटेनर के आकार की प्राप्ति है।

आकार एक निश्चित सीमा को परिभाषित करता है।

Answered by nikitasingh79
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उत्तर :  

पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर निम्न प्रकार से हैं :  

(a)

ठोस :  

(i)आकार : सभी ठोस पदार्थों का निश्चित आकार होता है।

(ii)संपीड्यता : इन में संपीड्यता न के बराबर होती है इन्हें अधिक दबाया नहीं जा सकता।

(iii)विसरण : ठोस पदार्थों में दूसरे पदार्थ में विसरित होने के गुण नहीं होते।

(iv)कणों की स्थिति : ठोस पदार्थों में कण एक दूसरे के बहुत निकट होते हैं।

(v)कणों में आकर्षण बल : ठोस पदार्थों में आकर्षण बल अधिक होता है।

(vi)आयतन : ठोस पदार्थों का आयतन निश्चित होता है।

(vii)घनत्व : ठोस अवस्था में घनत्व अधिक होता है।

(viii)दृढ़ता : ठोस दृढ़ होते हैं।

द्रव  :  

(i)आकार : द्रव पदार्थों का आकार नहीं होता है इन्हें जिस बर्तन में रखा जाता है उसी का आकार ले लेते हैं।

(ii)संपीड्यता : ठोसों की भांति , द्रवों को अधिक दबाया नहीं जा सकता ।  

(iii)विसरण : द्रवों में ठोस और द्रवों और गैसों का विसरण होता है।

(iv)कणों की स्थिति : द्रवों में कण एक दूसरे से दूर होते हैं और कणों के बीच पर्याप्त स्थान होता है।

(v)कणों में आकर्षण बल : द्रवों में आकर्षण बल अपेक्षाकृत कमजोर होता है पर इतना कमजोर नहीं कि कण एक दूसरे से अलग हो जाएं।  

(vi)आयतन : द्रवों  का आयतन निश्चित होता है।

(vii)घनत्व : द्रव अवस्था में घनत्व ठोस की अपेक्षा कम होता है लेकिन गैस की अपेक्षा अधिक होता है।

(viii)दृढ़ता : द्रव दृढ़ नहीं होते हैं।

 

गैस  :  

(i)आकार : गैसों का आकार नहीं होता है इन्हें जिस बर्तन में रखा जाता है उसी का आकार ले लेती हैं।

(ii)संपीड्यता : गैसों में संपीड्यता काफी अधिक होती है।

(iii)विसरण : गैसों में अन्य गैसों का विसरण बहुत तीव्रता से होता है।  

(iv)कणों की स्थिति : गैसों में कणों एक दूसरे से बहुत दूर होते हैं। और उनके रिक्त स्थान बहुत अधिक होता है।

(v)कणों में आकर्षण बल : गैसों में आकर्षण बल न के बराबर होता है । वे तीव्र गति से इधर-उधर गति कर सकते हैं।

(vi)आयतन : द्रवों  का आयतन निश्चित नहीं होता है।

(vii)घनत्व : द्रव अवस्था में घनत्व अपेक्षाकृत कम होता है।  

(viii)दृढ़ता : गैसे दृढ़ नहीं होती हैं।

(b)

1.दृढ़ता :

दृढ़ता ठोस पदार्थों का गुण है, नगण्य संपीड्यता के कारण वाह्य बल लगाने पर भी अपने आकार को नहीं बदलते। ये अपने आकार को दृढ़ता के गुण प्रदान करते हैं। ठोस पदार्थों में आकर्षण बल के कारण दृढ़ता अधिक होती है । द्रव को थोड़ा दबाया जा सकता है और गैस को सरलता से दबाया जा सकता है।

2.संपीड्यता :

संपीड्यता क संबंध स्थिर आयतन से है। ठोस पदार्थों में स्थिर आयतन होने के कारण नगण्य संपीड्यता होती है जबकि द्रव उसी बर्तन का आकार ले लेते हैं जिसमें रखे जाते हैं। वे दृढ़ नहीं बल्कि तरल होते हैं और अधिक संपीड्य नहीं होते। गैसों की संपीड्यता काफी अधिक होती है क्योंकि उनका आयतन निश्चित नहीं होता। जिस कारण गैसों के अत्यधिक आयतन को एक कम आयतन वाले सिलेंडर में संपीडित किया जा सकता है।

3.तरलता :

तरलता तरल पदार्थों का गुण है जिनका निश्चित आकार नहीं होता पर निश्चित आयतन अवश्य होता है।  तरलता बहने की प्रवृत्ति है और इसमें द्रव का आकार बदलता है । ठोस बिल्कुल नहीं बहते पर गैसें सब दिशाओं से बहती है।

4.बर्तन में गैस का भरना :

गैसों के कणों में अंतर अंतराणुक बल बहुत कम होने के कारण संपीड्यता बहुत अधिक होती है जिस कारण गैस के अत्यधिक आयतन को किसी कम आयतन वाले बर्तन में संपीडित किया जा सकता है और सरलता पूर्वक एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है।

5.आकार :

पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है । यह बल कणों को एक साथ रखता है और वस्तु को आकार प्रदान करता है । इस आकर्षण बल का सामर्थ्य हर पदार्थ में अलग-अलग होता है। ठोस पदार्थों में अंतराणुक बल अधिक होता है जिस कारण उनका निश्चित आकार होता है पर द्रवों और गैसों में ऐसा नहीं होता।

6.गतिज ऊर्जा :

पदार्थों के करण सदा गतिशील रहते हैं जिसे गतिज ऊर्जा कहते हैं। तापमान के बढ़ने से कणों की गतिज तेज हो जाती है अर्थात तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। ठोस में अधिक गतिज ऊर्जा नहीं होती। द्रव में कुछ गतिज ऊर्जा होती है पर गैसों में सबसे ज्यादा गतिज ऊर्जा होती है।

7.घनत्व :

किसी वस्तु का घनत्व प्रति एकांक आयतन के द्रव्यमान के बराबर होता है ।

घनत्व : पदार्थ का द्रव्यमान /  पदार्थ का आयतन

ठोस पदार्थों का घनत्व अधिक होता है, द्रवों  में कम होता है पर गैसों का घनत्व नगण्य होता है।

आशा है कि यह उतर आपकी मदद करेगा ।।।।

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