Hindi, asked by christincahcko5793, 8 months ago

A short and inspirational story on "parishram ka mahatva" in hindi.

Answers

Answered by nandini2063
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Explanation:

किसी गावं में एक लकडहारा रहता था, वह अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए दिन-रात परिश्रम करता, परन्तु फिर भी अभावों से घिरा रहता उसके एक दैनिक कर्म को और उसके परिश्रम को एक महात्मा देखता रहा एक दिन महात्मा ने उससे कहा बालक! आगे चलो…आगे चलो…ओर आगे चलो…

लकडहारा जहां पहले जाता था, उससे कुछ ओर आगे बढ़ गया उसे वहां एक चंदन वन दिखाई दियाl वह लकड़ियां काट लाया चन्दन की लकड़ियां खूब महंगी बिकीं, फिर एक दिन वही महात्मा मिले उन्होंने लकडहारे को समझाया, बालक जीवन में एक ही स्थान पर मत रूको…चलते रहो… नदी के जल के समान चलते रहोगे तो साफ-सुथरे व स्वस्थ रहोगे तालाब के जल के समान रूक गए तो सड़ जाओगे अत: तुम चलते रहो, बढ़ते रहो, आगे आगे और आगे…लकडहारे ने विचार किया और वह चन्दन वन से और आगे बढ़ गया आगे चलकर उसे तांबे की खान मिली और उसने बहुत धन कमाया आगे चलकर उसे चांदी की खान मिल गई और वह मालामाल हो गया| एक दिन फिर उसे वही महात्मा मिले वह बड़े प्यार से समझाने लगे, बालक यहीं मत रूकना… आगे चलते रहना जैसे आगे बढ़ते-बढ़ते तुमने धन और वैभव पाया है, वैसे ही धर्म के राज्य में होता है|

अब लकडहारा और आगे बढ़ने लगा परिणाम-स्वरूप उसे सोने की खान मिली, उसने खूब धन कमाया फिर वह और आगे बढ़ा, उसे हीरों की खान मिली अब वह बड़ा धनवान बन गया उसके आनंद की सीमा न थी

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