आंतरिक मूल्यांकन
कक्षा -10
विषय -हिंदी
अंक -20
१-रस की परिभाषा तथा उसके भेद उदाहरण सहित लिखिए। (१०)
२-गद्य पाठ-२ बाल गोबिन भगत का सार अपने शब्दों में लिखिए। (४)
३-गंतोक की सुंदरता का वर्णन लेखिका ने किस प्रकार किया है लिखिए। (३)
४-कन्यादान कविता महिलाओं के प्रति किस प्रकार की सोच की प्रतीक है? लिखिए। (३)
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Explanation:
१.रस का अर्थ 'आनंद ’ से है।
जब हम किसी कहानी,फिल्म,नाटक आदि को देखते,सुनते,या लिखते है,तब हमें जिस शुख,दुख और आनंद की अनुभूति होती है, उसे है रस कहते हैं।
रस के मुख्यता ९ भेद होते है। परन्तु दो और भावों को स्थाई भाव की संख्या देकर इनकी संख्या ११ बताई गई है।
१.श्रृंगार रस, उदहारण–मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट मेरे पति सोई।
२. करुण रस,अभी तो मुकुट बांधा था माथ
हुए कल ही हल्दी के हाथ
हाय रुक गया यही संसार।
३. रोद्र रस,उस काल मारे क्रोध के तन कापने उसका लगा
मानो सोया हुए सागर जगा।
४.भक्ति रस,उलट राम जपट जग जाना
वाल्मीकि भय भ्रम समाना।
५.वीर रस, चड़ ट तुरंग चतुरंग सजी शिवराज
चरत प्रताप दिन दिन अति जंग में।
६.विभात्य रस
७.शांत रस
८.अद्भुत रस
९.भयानक रस
१०. हास्य रस,आगे चले बहुरी रघुराई
पीछे लरिकन धूनी उड़ाई।
११.वात्सल्य रस
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