Hindi, asked by dtarika5012, 1 year ago

aaj deshbhakti ki bhavana kyu samapt hoti ja rahi hai????

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Answered by guri777
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'वह ख़ून कहो किस मतलब का
जिस में उबाल का नाम नहीं

वह ख़ून कहो किस मतलब का
आ सके जो देश के काम नहीं"

 

इस समय जब देश का हर वर्ग देश के प्रति अपना योगदान दे रहा था तब हिन्दी सिनेमा भी पीछे नहीं था। 1940 में निर्देशक ज्ञान मुखर्जी की फिल्म "बन्धन" के गीत ''चल चल रे नौजवान" ने आज़ादी के दीवानों में एक नया जोश भर दिया था। याद कीजिए फिल्म "जागृति" का गीत ''हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकाल के इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के" हमारे बच्चों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराता था।

 

ऐसे अनेकों गीत हैं जो देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत हैं। देश के बच्चों एवं युवाओं में इस भावना के अलख को जगाए रखने में देश भक्ति से भरे गीत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता। राम चंद्र द्विवेदी / कवि प्रदीप द्वारा लिखित गीत

 

''ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी'' सुनने से आज भी आँखें नम हो जाती हैं। आज़ादी के आन्दोलन में उस समय की युवा पीढ़ी कि  भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। शहीद भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, अश्फाक उल्लाह ख़ान जैसे युवाओं ने अपनी जान तक न्योछावर कर दी थी देश के लिए। ये जांबाज सिपाही भी अपनी भावनाओं को गीतों में व्यक्त करते हुए कहते थे,



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