आजम के बारे में
विनोबाजी के विचार
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Acharya Vinoba Bhave Quotes And Thoughts
“मनुष्य जितना ज्ञान में घुल गया हो उतना ही कर्म के रंग में रंग जाता है। “ ~ आचार्य विनबा भावे
“जिस राष्ट्र में चरित्रशीलता नहीं है उसमें कोई योजना काम नहीं कर सकती। “" ~ आचार्य विनबा भावे
“ऐसे देश को छोड़ देना चाहिए जहाँ न आदर है, न जीविका, न मित्र, न परिवार और न ही ज्ञान की आशा। “ ~ आचार्य विनबा भावे
“स्वतंत्र वही हो सकता है जो अपना काम अपने आप कर लेता है। “~ आचार्य विनबा भावे
“विचारकों को जो चीज़ आज स्पष्ट दीखती है दुनिया उस पर कल अमल करती है। “~ आचार्य विनबा भावे
“केवल अंग्रेज़ी सीखने में जितना श्रम करना पड़ता है उतने श्रम में भारत की सभी भाषाएँ सीखी जा सकती हैं। “~ आचार्य विनबा भावे
“कलियुग में रहना है या सतयुग में यह तुम स्वयं चुनो, तुम्हारा युग तुम्हारे पास है। “~ आचार्य विनबा भावे
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