आम चुनावों के समय कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किसी अमर्यादित भाषा – प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए दैनिक समाचार पत्र के संपादक को लगभग 80-100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
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Answer:
सेवा में,
श्री मान संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
लखनऊ (उ.प्र.)
माननीय संपादक जी,
आज हम देख रहे हैं कि राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा अपनी भाषा शैली पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है और इन नेताओं की भाषा बेहद अमर्यादित होती जा रही है। इस तरह की एक सभ्य समाज में किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है। यह राजनीतिक दल के नेता एक दूसरे पर आरोप लगाने की कोशिश में अपनी भाषा में ऐसे शब्दों का प्रयोग करने लगते हैं जो सभ्य आचरण के अनुकूल नहीं हैं। अभी हाल ही सम्पन्न हुए आम चुनावों में यही देखने को मिला जहाँ हर राजनीतिक दल के नेता में अपने भाषा के स्तर को गिराने में कोई कसर नही छोड़ी। राजनीति में भाषा के गिरते स्तर को देखकर बड़ा दुख होता है और सोचते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ी क्या सीखेगी। एक समय था जब राजनीति में शुद्ध आचरण नेता लोगों की प्राथमिकता होती थी। अब नेताओं के आचरण के गिरते स्तर से बड़ा ही दुख होता है। भगवान ऐसे नेताओं को शीघ्र ही सद्बुद्धि दे और राजनीतिक में भाषा के गिरते स्तर पर लगाम लगे, हम आमजन तो ऐसी ही कामना कर सकते हैं।
धन्यवाद
एक पाठक,
अवधेश कश्यप|
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आम चुनावों के समय कुछ राजनीतिक दलों द्वारा किसी अमर्यादित भाषा – प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए दैनिक समाचार पत्र के संपादक को लगभग 80-100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
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