आप प्रकृति के विभिन्न रूपों से सीख ग्रहण करते हुए उसे कविता के रूप में लिखिए
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In physics, a force is any interaction that, when unopposed, will change the motion of an object. A force can cause an object with mass to change its velocity, i.e., to accelerate. Force can also be described intuitively as a push or a pull. A force has both magnitude and direction, making it a vector quantity.
In physics, a force is any interaction that, when unopposed, will change the motion of an object. A force can cause an object with mass to change its velocity, i.e., to accelerate. Force can also be described intuitively as a push or a pull. A force has both magnitude and direction, making it a vector quantity...
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Answer:
संध्या / सुमित्रानंदन पंत
कहो, तुम रूपसि कौन?
व्योम से उतर रही चुपचाप
छिपी निज छाया-छबि में आप,
सुनहला फैला केश-कलाप,
मधुर, मंथर, मृदु, मौन!
मूँद अधरों में मधुपालाप,
पलक में निमिष, पदों में चाप,
भाव-संकुल, बंकिम, भ्रू-चाप,
मौन, केवल तुम मौन!
ग्रीव तिर्यक, चम्पक-द्युति गात,
नयन मुकुलित, नत मुख-जलजात,
देह छबि-छाया में दिन-रात,
कहाँ रहती तुम कौन?
अनिल पुलकित स्वर्णांचल लोल,
मधुर नूपुर-ध्वनि खग-कुल-रोल,
सीप-से जलदों के पर खोल,
उड़ रही नभ में मौन!
लाज से अरुण-अरुण सुकपोल,
मदिर अधरों की सुरा अमोल,--
बने पावस-घन स्वर्ण-हिंदोल,
कहो, एकाकिनि, कौन?
मधुर, मंथर तुम मौन?