आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है।
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए।
Answers
उत्तर :
(a)
(i)दिए गए धातुओं एवं अधातुओं के नमूने लेकर उन्हें हथौड़े से पीटिऐ यदि दिया गया पदार्थ टूट कर बिखर जाता है तो यह अधातु (भंगूर) है । यदि यह थोड़ा-थोड़ा फैल जाता है तो यह धातु (आघातवध्र्यता)है।
(ii)यदि हथौड़े से पीटते समय विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है तब यह धातु है(ध्वानिक (sonorous)अन्यथा अधातु)
(iii) अब इन नमूनों का परीक्षण विद्युत चालकता के गुण के लिए किया जाता है। इसके लिए बैटरी, बल्ब, स्विच व तारों की सहायता से एक विद्युत परिपथ तैयार करते हैं।
दिए गए नमूनों को बारी-बारी से क्लिप A तथा क्लिप B के बीच रखकर प्रेक्षण करते हैं। यदि बल्ब जलता है तो दिया गया नमूना धातु (विद्युत का सुचालक है) अन्यथा अधातु (विद्युत का कुचालक है)।
(b)उपरोक्त परीक्षणों से स्पष्ट है कि धातुएं आघातवध्र्य ,ध्वानिक तथा विद्युत की सुचालक होती है इसके विपरीत अधातुएं भंगूर ,अध्वानिक तथा विद्युत की कुचालक होती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answer:
(a) (i) हथौड़े का प्रयोग करके-यदि लिया गया नमूना टूट जाए तो वह अधातु है, इसके विपरीत यदि नमूना एक पतल चादर का रूप लेता है। इसका अर्थ है कि वह आघातवध्र्य है तो वह एक धातु है।
(ii) सभी उपकरणों को दर्शाए गए चित्र के अनुसार जोड़ लें। लिए गए नमूनों को क्लिप्स के बीच में रखें और स्विच ‘ऑन’ करें। यदि बल्ब जलता है तो नमूना धातु है क्योंकि धातु विद्युत के सुचालक होते हैं और यदि बल्ब नहीं जला तो लिया गया नमूना अधातु है क्योंकि अधातु विद्युत के कुचालक होते हैं।
(b) लोहे के आघातवध्र्य होने के कारण, एवं लगभग सभी धातुओं के आघातवध्र्य गुण के कारण उन्हें पतली चादर के रूप में बदल कर विभिन्न कामों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। जैसे लोहे का प्रयोग बक्से एवं संदूक बनाने में किया जाता है। धातुएं विद्युत की सुचालक होती हैं। इसी गुण के कारण कॉपर एवं एलुमिनियम को विद्युत के संचालन के लिए प्रयोग किया जाता है।
आशा है कि यह तर मदद करेगा।