Hindi, asked by Anonymous, 7 months ago

आत्मपरिचय कविता का काव्य सौंदर्य।


Class 12....✌️​

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Answered by jayathakur3939
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(आत्म परिचय ) हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखित  है |

काव्य सौंदर्य क्या है? : कवितांश में रस, अलंकार, भाषा, भाव आदि के चमत्कार को काव्य सौंदर्य कहा जाता है। इसे पद सौंदर्य, पद लालित्य, पद सौष्ठव भी कहते हैं।

काव्य सौंदर्य :-

1 कविता की भाषा सरल और सहज है। इसी कारण वह संप्रेषणीय भी है। सीधे हृदय तक पहुंचती है।

2 कविता में शांत रस है।

3 स्नेह-सुरा, यहां पर कवि ने प्रेम को ही षराब बनाकर प्रस्तुम किया है। इसी तरह ‘सांसों के दो तार’, में सांसों को तार बना दिया है, अतः यहां पर रूपक अलंकार है।

रूपक अलंकार किसे कहते हैं? :- जहां पर उपमेय को ही उपमान बना दिया जाये वहां पर रूपक अलंकार होता है। उपमेय अर्थात जिसका वर्णन किया जाये। यहां पर ‘स्नेह’ का वर्णन किया जा रहा है, तो वह हुआ उपमेय। उपमान अर्थात जिसके साथ उसका रूप परिवर्तन कर जाये। यहां पर ‘सुरा’ उपमान है।

धर्म या गुण किसे कहते हैं? :- जिस गुण के आधार पर तुलना या समानता िअखायी जा रही हो, उसे धर्म या गुण कहते हैं। जैसे कि यहां पर स्नेह और शराब में नशे समान गुण को देखा गया है।

Answered by Anonymous
7

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  • कवितांश में रस, अलंकार, भाषा, भाव आदि के चमत्कार को काव्य सौंदर्य कहा जाता है। ... 2 कविता में शांत रस है। 3 स्नेह-सुरा, यहां पर कवि ने प्रेम को ही षराब बनाकर प्रस्तुम किया है। इसी तरह 'सांसों के दो तार', में सांसों को तार बना दिया है, अतः यहां पर रूपक अलंकार है।

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