aavaran Vibhag ki or se Jal Sanrakshan ka Agra karte hue Ek Vigyapan lagbhag 50 se 25 Shabd Mein taiyar Karen
Answers
Answer:
जल है तो जीवन है और जीवन है तो कल है! लेकिन यह कल कैसे सुरक्षित रहे, इसको लेकर बड़ी बहस की, बड़े जतन की जरूरत है। घटते संसाधन और बढ़ती जरूरतों के हिसाब से पानी का संचय वक्त की जरूरत के साथ ही जिम्मेदारी भी बन गई है। बस इसके लिये क्या और कौन सा प्रयोग सरल-सटीक रहेगा यह सोचना और तय करना है। उपयोगिता की दृष्टि से भूजल, सतह पर पीने योग्य उपलब्ध जल संसाधनों के मुकाबले अधिक महत्त्वपूर्ण है। भारत के लगभग अस्सी प्रतिशत गाँव, कृषि एवं पेयजल के लिये भूजल पर ही निर्भर हैं और दुश्चिंता यह है कि विश्व में भूजल अपना अस्तित्व तेजी से समेट रहा है।
विकासशील देशों में तो यह स्थिति भयावह है ही यहाँ जलस्तर लगभग तीन मीटर प्रतिवर्ष की रफ्तार से कम हो रहा है पर भारत में भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं। केन्द्रीय भूजल बोर्ड के अन्वेषणों के अनुसार भारत के भूजल स्तर में 20 सेंटीमीटर प्रतिवर्ष की औसत दर से कमी हो रही है, जो हमारी भीमकाय जनसंख्या की जरूरतों को देखते हुए गहन चिन्ता का विषय है।
Explanation:
follow me
like my answer