आयनिक ठोस गलित अवस्था में विद्युत चालक होते हैं परंतु ठोस अवस्था में नहीं, व्याख्या कीजिए।
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जब आयनिक ठोस गलित अवस्था में होते हैं तो आयनिक यौगिक वियोजित होकर आयनों को मुक्त कर देते हैं। इस तरह स्वतंत्र अवस्था अर्थात गत्यात्मक अवस्था में होने के कारण विद्युत का चालन करने लगते हैं। ठोस अवस्था में आयनिक यौगिक गति करने के लिए स्वतंत्र नहीं होते इस कारण ठोस अवस्था में आयनिक ठोस विद्युत का चालन नहीं करते।
आयनिक ठोस के अवययी कण आयन होते हैं। आयनिक ठोसों का निर्माण धनायन और लाइनों के त्रिविमीय विन्यासों में प्रबल बलों के बनने से होता है। कठोर और क्षणभंगुर प्रकृति के होने के साथ-साथ इनका गलनांक और क्वथनांक बहुत उच्च होता है। ठोस अवस्था में इनमें गमन के लिए आयन स्वतंत्र नहीं होते इसके लिए यह ठोस अवस्था में विद्युत के कुचालक होते हैं। गलित अवस्था में आयनों के स्वतंत्र हो जाने के कारण आयन गमन के लिए मुक्त होते हैं और तब यह विद्युत के सुचालक बन जाते हैं।
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