‘किसी क्रिस्टल की स्थिरता उसके गलनांक के परिमाण द्वारा प्रकट होती है', टिप्पणी कीजिए। किसी आँकड़ा पुस्तक से जल, एथिल ऐल्कोहॉल, डाइएथिल ईथर तथा मैथेन के गलनांक एकत्र करें। इन अणुओं के मध्य अंतराआण्विक बलों के बारे में आप क्या कह सकते हैं?
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उच्च गलनांक वाले पदार्थों के अवयवी कणों के बीच का आकर्षण बल उतना ही अधिक होता है और पदार्थ भी अधिक स्थाई होता है।
जल, एथिल एल्कोहॉल, डाई एथिल ईथर और मेथेन के गलनांक इस प्रकार हैं...
जल = 273K , एथिल एल्कोहॉल = 157.7K, डाई एथिल ईथर = 156.8K और मेथेन = 90.5K
जल और एथिल एल्कोहॉल में अंतरआणविक बल हाइड्रोजन आबंधन होते हैं। एथिल एल्कोहॉल की तुलना में जल के अणुओं के बीच हाइड्रोजन आबंधन अधिक मजबूत होते हैं, जो कि उनके गलनांकों से स्पष्ट होता है।
डाई एथिल ईथर के अणुओं के बीच ध्रुव-अध्रुव आकर्षण बल होता है तथा मेथेन के अणुओं बीच यह दुर्बल वांडरवाल्स बल होता है।
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पाठ ‘ठोस अवस्था’ (रसायन विज्ञान - भाग 1, कक्षा - 12) के कुछ अन्य प्रश्नों के लिये नीचे दिये लिंक्स पर जायें...
(i) उपसहसंयोजन संख्या का क्या अर्थ है?
(ii) निम्नलिखित परमाणुओं की उपसहसंयोजन संख्या क्या होती है?
(क) एक घनीय निविड़ संकुलित संरचना
(ख) एक अंत:केंद्रित घनीय संरचना
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यदि आपको किसी अज्ञात धातु का घनत्व एवं एकक कोष्ठिका की विमाएं ज्ञात हैं तो क्या आप उसके परमाण्विक द्रव्यमान की गणना कर सकते हैं? स्पष्ट कीजिए।
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