Hindi, asked by priya4740, 1 year ago

अभिवृत्ति क्या है? इसके स्वरूप की चर्चा कीजिए।​

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Answered by shishir303
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सरल शब्दों में कहा जाये तो अभिवृत्ति व्यक्ति के मन की एक अवस्था है। यह किसी विषय या वस्तु के संबंध में मनुष्य के विचारों का एक पुंज है, जिसके आधार पर वह मनुष्य किसी विषय या वस्तु का मूल्यांकन करता है। सामाजिक व्यवहार करना मानव के जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। उदाहरण के लिये जब आप को अकेले में कोई बात करनी हो या कोई  कविता आदि  कहनी हो, तो उसको प्रस्तुत करने का तरीका अलग होगा, लेकिन यही बात या कविता आपको किसी भीड़ के सामने या बहुत सारे लोगों के सामने कहनी हो तो उस बात को कहने का तरीका एकदम से बदल जाएगा क्योंकि उस समय आप एक सामाजिक परिवेश में, एक सामाजिक परिस्थिति में होते हैं और आपको उस सामाजिक परिस्थिति के अनुसार व्यवहार करना होता है।  

सामाजिक परिवेश मानव के व्यवहार को सीधा प्रभावित करता है। इस व्यवहार के कारण मानव के अंदर किसी विषय या वस्तु के बारे में जानने की एक अभिवृत्ति जन्म लेती है जो कि व्यवहारात्मक प्रवृत्ति के रूप में मानव के अंदर हमेशा विद्यमान रहती है। विद्वानों के अनुसार अभिवृत्ति वह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मनुष्य तरह-तरह के अनुभवों की अनुभूति करता है और जिसके आधार पर उसके व्यक्तित्व का निर्माण होता है और उसके अंदर सामाजिक तथा बौद्धिक गुणों का विकास होता है। अभिवृत्ति स्वयं में एक व्यवहार नहीं है बल्कि यह एक व्यवहार या क्रिया करने की प्रवृत्ति को प्रकट करती है।

अभिवृत्ति के तीन घटक होते हैं

  • विचारपरक घटक,
  • सांवेगिक घटक
  • क्रियात्मक घटक।  

विचारपरक घटक को  संज्ञानात्मक (Cognitive) पक्ष कहा जाता है । सांवेगिक घटक को भावात्मक (Affective) पक्ष कहा जाता है और क्रियात्मक घटक को व्यवहारात्मक (Behavioural) पक्ष कहा जाता है।

संक्षेप में इन्हें अभिवृत्ति का संभाव्य घटक (संज्ञानात्मक-भावात्मक-व्यवहारात्मक) कह सकतें है।

अंग्रेजी में इन्हे ए-बी-सी घटक (A-B-C Components-Affective-Behavioural-Cognitive) कहा जाता है।  

अभिवृत्ति के घटकों की विवेचना को हम यहां विस्तारपूर्वक समझते हैं । मान लीजिए आप एक पर्यावरण आंदोलन के अंतर्गत वृक्षारोपण अभियान प्रारंभ करते हैं । पर्यावरण के संबंध में आपकी जागरूकता के आधार पर आपके द्वारा यह आंदोलन चलाना आपके दृष्टिकोण को प्रकट करता है और यह अभिवृत्ति का संज्ञानात्मक घटक है। जब आप हरियाली को देखते हैं तो प्रसन्नता का अनुभव करते हैं या पेड़ को कटते देखकर दुख का अनुभव करते हैं तो यह अभिवृत्ति का भावात्मक घटक है। जब आप वृक्षारोपण अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं तो ये अभिवृत्ति का व्यवहारपरक अथवा क्रियात्मक घटक है। सामान्य रूप से यह अपेक्षा रखी जाती है कि तीनों घटकों में एक संगति होगी लेकिन यह जरूरी नहीं कि तीनों घटकों में एक संगति हो ही। हो सकता है कि एक घटक बहुत प्रभावशाली हो, बाकी दो  घटक कम प्रभावशाली हों या  दो घटक प्रभावशाली हों और एक घटक कम प्रभावशाली हो । दो घटकों के आधार पर तीसरे घटक का अनुमान लगाने से अभिवृत्ति का सही आकलन नही हो पायेगा।

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