About Kingfisher in hindi
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किंगफिशर कोरासीफोर्म्स वर्ग के छोटे से मध्यम आकार के चमकीले रंग के पंक्षियों का एक समूह है। इनका एक सर्वव्यापी वितरण है जिनमें से ज्यादातर प्रजातियाँ ओल्ड वर्ल्ड और ऑस्ट्रेलिया में पायी जाती हैं। इस समूह को या तो एक एकल परिवार एल्सिडिनिडी के रूप में या फिर उपवर्ग एल्सिडाइन्स में माना जाता है जिनमें तीन परिवार शामिल हैं, एल्सिडिनिडी (नदीय किंगफिशर), हैल्सियोनिडी (वृक्षीय किंगफिशर) और सेरीलिडी जलीय किंगफिशर). किंगफिशर की लगभग 90 प्रजातियां हैं। सभी के बड़े सिर, लंबे, तेज, नुकीले चोंच, छोटे पैर और ठूंठदार पूंछ हैं। अधिकांश प्रजातियों के पास चमकीले पंख हैं जिनमें अलग-अलग लिंगों के बीच थोड़ा अंतर है। अधिकांश प्रजातियां वितरण के लिहाज से उष्णकटिबंधीय हैं और एक मामूली बड़ी संख्या में केवल जंगलों में पायी जाती हैं। ये एक व्यापक रेंज के शिकार और मछली खाते हैं, जिन्हें आम तौर पर एक ऊंचे स्थान से झपट्टा मारकर पकड़ा जाता है। अपने वर्ग के अन्य सदस्यों की तरह ये खाली जगहों में घोंसला बनाते हैं, जो आम तौर पर जमीन पर प्राकृतिक या कृत्रिम तरीके से बने किनारों में खोदे गए सुरंगों में होते हैं। कुछ प्रजातियों, मुख्यतः द्वीपीय स्वरूपों के विलुप्त होने का खतरा बताया जाता है।
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Explanation:
किलकिला एक छोटा सा पक्षी होता है जिसे अंग्रेजी भाषा में किंगफ़िशर कहा जाता है।इसकी चोंच लम्बी और पंख चमकीले गहरे नीले रंग के होते हैं।इसके शरीर का ज्यादातर भाग कत्थई होता है चोंच और पाँव धूमल रंग के होते हैं।इसके सिर पर नीले रंग की धारियां होती है इनके पैर सामान्य पक्षियों की भांति छोटे होते हैं।किंगफ़िशर का मुख्य भोजन कीट पतंगे और मछलियां होती हैं।ये पक्षी विश्व के हर कोने में पाया जाता है किन्तु ये ध्रुवों और रेगिस्थान जैसे इलाकों में नहीं पाए जाते हैं।विश्व भर में इस पक्षी की कई प्रजातियां पायी जाती हैं जो अपने रंग और आकार से एक दुसरे से अलग हैं।मादा नर से ज्यादा चमकदार होती है।संसार का सबसे बड़ा किंगफ़िशर आस्ट्रेलिया और सबसे छोटा अफ्रीका में पाया जाता है।इन्हें ज्यादातर झीलों और नदियों के किनारे देखा जा सकता है क्योंकि यह वहां रहकर मछलियों का शिकार करता है।किंगफ़िशर के रहने का टिकाना भी नदी जा झीलों के आसपास ही होता है।संसारभर में किंगफ़िशर की 80 से भी ज्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं।यह पक्षी 6 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं।आज इन पक्षियों का जीवन संकट में है इसीलिए हमें इनका संरक्षण करना चाहिए।
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